राजस्थान

शहीद स्मारक पर शिक्षकों का एक दिवसीय धरना, शिक्षकों ने दी राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

Admin Delhi 1
24 April 2023 2:46 PM GMT
शहीद स्मारक पर शिक्षकों का एक दिवसीय धरना, शिक्षकों ने दी राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
x

जयपुर: राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की प्रत्येक जिला शाखा द्वारा शिक्षको की11 सूत्रीय ज्वलंत समस्याओं एवं संगठन के माँग पत्र में दी गई समस्याओ के समाधान की मांग को लेकर राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किए गए। बावजूद सुनवाई नहीं किये जाने से शहीद स्मारक पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर अपनी वाजिब माँगो को सरकार के ध्यान में लाने संगठन के शिक्षको ने धरना प्रारम्भ किया। संगठन के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षको की वाजिब मांगो पर सरकार का उपेक्षित रवैया चल रहा है। 11 सूत्रीय वाजिब मांगों पर सकारात्मक समाधान नहीं किया जाता तो संगठन के शिक्षक सड़क से सदन तक धरना प्रदर्शन करेंगे। जिसका खामियाजा भुगतने को तैयार रहना होगा।

संगठन के प्रदेशाध्यक्ष नवीन कुमार शर्मा ने कहा कि संगठन की 385 उपशाखाओं के जरिये क्षेत्रीय सांसदों व विधायको को ज्ञापन सौपा गया। बार-बार ज्ञापन व पत्र व्यवहार कर शिक्षको की वाजिब समस्याओं से अवगत करवाया गया है। किंतु इसके बाद भी समस्याओं का सकारात्मक हल नहीं किया गया है। जिसके चलते राज्य का सम्पूर्ण शिक्षक समाज आक्रोशित है। संगठन के प्रदेश सभाध्यक्ष अरविंद व्यास ने कहा कि कुम्भकरण निंद्रा से जाग कर शिक्षको की समस्याओं का समाधान किया जावे अन्यथा आगामी समय में सम्पूर्ण प्रांत में शिक्षको को सड़कों पर उतरने मजूबर होना पड़ेगा। आन्दोलन संघर्ष समिति के आयोजक एवं प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संपतसिह ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब जब शिक्षक सड़को पर उतरा है तब-तब राजसिंहासन डोला है।

संगठन की प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने कहा कि यह प्रतीत होता है कि राज्य का शिक्षा विभाग शिक्षको की समस्याओं के प्रति गंभीर व संवेदनशील नहीं है। अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के राजस्थान क्षेत्र के संगठन मंत्री घनश्याम जी ने कहा कि संवेदनशील कहलाने के इच्छुक मुखिया ने सरकार के किसी भी अंग शिक्षको की व्यथा पर संज्ञान नही लिया।वार्षिक बजट एवम मुख्यमंत्री के जवाब के समय पर भी शिक्षको को निराश किया । संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री प्रहलाद शर्मा ने बताया कि संगठन ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन के उपरांत मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम शासन सचिव को ज्ञापन सुपुर्द कर शिक्षको की वाजिब समस्याओं से अवगत करवाया गया।

धरने के संचालन संगठन के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य एवं प्रदेश मंत्री अरुण व्यास ने किया। इस अवसर पर संगठन के तकरीबन 800 शिक्षको ने भाग लिया तथा डॉ.अरुणा शर्मा,चंद्र प्रकाश शर्मा,भंवरसिंह राठौड़, अमरजीतसिंह, योगेश शर्मा,ऋषीन चौबीसा,ओमप्रकाश विश्नोई,दीनदयाल शर्मा,कृष्ण कुमार सैनी,रमेश पुष्करणा,अभयसिंह राठौड़,,रूपाराम खोजा एवं समस्त जिलाध्यक्ष व जिलामंत्री ने संबोधित किया।

ये है 11 सूत्रीय मांगे

1. वेतन विसंगतियों के निराकरण हेतु गठित सावंत एवं खेमराज कमेटी की रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक कर लागू किया जावे एवं समस्त शिक्षक संवर्गों की सभी वेतन विसंगतियों का तत्काल निवारण किया जाए।

2. समस्त राज्य कर्मचारियों को 8-16-24-32 वर्ष पर ए.सी.पी. का लाभ देकर पदोन्नति पद का वेतनमान प्रदान किया जाए।

3. NPS कार्मिकों के लिए लागू हुई पुरानी पेंशन योजना (OPS) की समस्त तकनीकी खामियाँ ठीक करते हुए NPS फण्ड की जमा राशि शिक्षकों को देने के साथ-साथ जीपीएफ 2004 के खाता नम्बर तत्काल जारी किये जाए।

4. सम्पूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार एक वर्ष के लिए हो तथा नियमित वेतन श्रृंखला में फिक्सेशन के समय परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ा जाए।

5. शिक्षा विभाग मे ऑनलाइन कार्यों पर निर्भरता को दृष्टिगोचर रखते हुए राज्य के समस्त शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को मासिक इंटरनेट भत्ता तथा एंड्राइड फोन उपलब्ध कराया जाए।

6. राज्य कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के समय तीन सौ उपार्जित अवकाशों की सीमा समाप्त की जाए तथा सेवानिवृत्ति के पश्चात 65, 70 एवं 75 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर पेंशन में क्रमश: 5, 10 व 15 प्रतिशत वृद्धि की जाए।

7. शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा आधारित नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जा कर नियमित भर्ती से ही पद भरे जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाए।

8. अध्यापक संवर्ग के स्थानान्तरणों पर तत्काल प्रतिबन्ध हटाया जाए एवं राज्य के शिक्षकों के स्पष्ट स्थानान्तरण नियम बनाये जाए और संस्कृत शिक्षा विभाग सहित शिक्षा विभाग में समस्त पदों पर नियमित वर्षवार और नियमानुसार डीपीसी आयोजित की जाकर समय पर पदस्थापन किया जाए। पातेय वेतन पदोन्नति पर कार्यग्रहण की तिथि से वित्तीय परिलाभ तथा वरिष्ठता प्रदान किये जाए।

9. BLO सहित समस्त प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए। वर्तमान में जारी जनाधार अधिप्रमाणीकरण एवं डीबीटी योजना के लिए शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को जारी हो रहे अनावश्यक कारण बताओ नोटिस तत्काल प्रभाव से बन्द हों एवं जारी नोटिस वापस लिए जाए।

10. माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न तत्काल लागू कर पदों का सृजन किया जाए तथा विद्यालयों में पद आवंटन में हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम का विभेद समाप्त कर समान रूप से पद आवंटन प्रक्रिया अपनाई जाए।

11. माध्यमिक शिक्षा में अध्यापक संवर्ग की सीधी भर्ती की जाए तथा प्रारम्भिक शिक्षा से सेटअप परिवर्तन (6 डी तथा अन्य नियमान्तर्गत) अनिवार्य के स्थान पर स्वैच्छिक किया जाए।

Next Story