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किसानों से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर बनेगा
राजस्थान में अलग कृषि बजट को लेकर सरकार की कवायद जारी है. जगह-जगह पर खेती, पशुपालन, मछलीपालन और सहकारिता से जुड़े लोगों से सरकार इसके लिए राय ले रही है. प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि पहली बार अलग बनने जा रहे कृषि बजट (Agriculture Budget) को किसानों से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर बनाया जाएगा. कटारिया शनिवार को यहां दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंध संस्थान सभागार में कृषि बजट से पहले जयपुर संभाग स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे.
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा हमेशा किसान कल्याण की रही है. उन्होंने अलग से कृषि बजट की घोषणा कर राजस्थान में कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरूआत की है. जिसका संदेश पूरे देश में जाएगा. किसानों से कहा कि वह खेती-किसानी की खुशहाली के बारे में जो महसूस कर रहे हैं, खुलकर बताएं. उनके सुझावों के आधार पर ही कृषि बजट बनाया जाएगा. उन्होंने किसानों (Farmers) से पूछा कि वे क्या चाहते हैं और उनकी सरकार से क्या अपेक्षाएं हैं. यह जानना सरकार के लिए बहुत जरूरी है.
इसलिए संवाद कर रही है सरकार
कटारिया ने कहा कि चूंकि राज्य में पहली बार पेश किए जाने वाले कृषि बजट को किसानों से उनके व्यावहारिक अनुभव के आधार पर जमीनी हकीकत जानकर बनाया जाएगा, इसलिए यह उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा. इसी सिलसिले में सरकार प्रगतिशील किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ के पदाधिकारियों एवं खाद्य उत्पादक समूहों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रही है.
फार्म पौंड एवं ड्रिप सिंचाई की बदौलत हरियाली
कटारिया ने खेती में ट्रेडिशनल तरीकों के साथ आधुनिक तकनीक एवं इनोवेशन को अपनाने और सरकारी योजनाओं का लाभ आम किसानों तक पहुंचाने का आह्वान किया. कृषि मंत्री ने कहा कि पानी (Water) के अभाव में बंजर जैसी हो चुकी जमीन पर आज फार्म पौंड एवं ड्रिप सिंचाई की बदौलत हरियाली लहलहा रही है. बता दें कि इस फार्म पौंड स्कीम के तहत सरकार किसानों को तालाब खोदने के लिए 90,000 रुपए तक की मदद दे रही है.
भरतपुर संभाग में 14 दिसम्बर को होगा कृषि संवाद
कृषि विभाग के आयुक्त डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि कृषि बजट का स्वरूप तय करने के लिए संभाग स्तर पर संवाद कर तथा ई-मेल (email) एवं पत्र के माध्यम से सुझाव लिए जा रहे हैं. इन सभी सुझावों को एक साथ करके बजट तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अजमेर, बीकानेर, जोधपुर एवं उदयपुर संभाग में संवाद किया जा चुका है. भरतपुर संभाग में संवाद आगामी 14 दिसम्बर को होगा. अन्त में कोटा संभाग में संवाद किया जाएगा. इनमें किसानों द्वारा बताए गए मुद्दों को राज्य स्तरीय बैठक के दौरान राज्य सरकार के समक्ष रखा जाएगा.
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