राजस्थान

अधिकारी गत वर्ष मानसून काल की स्थिति को ध्यान में रख आपदा प्रबंधन में जुटे-जिला कलक्टर

Tara Tandi
12 Jun 2023 12:06 PM GMT
अधिकारी गत वर्ष मानसून काल की स्थिति को ध्यान में रख आपदा प्रबंधन में जुटे-जिला कलक्टर
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मानसून वर्ष 2023 के दौरान अतिवृष्टि एवं बाढ़ से बचाव के लिए किए जा रहे सुरक्षात्मक उपायों की तैयारियों की सोमवार को जिला कलक्टेªट सभागार में आयोजित बैठक में जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी गत वर्ष मानसूनकाल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्यों की तैयारी रखंे। संभावित अतिवृष्टि एवं बाढ़ से निपटने के लिए बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें।
बैठक में जिला कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से निपटने के लिए हर आवश्यक इंतजाम पूर्ण कर लिए जावे। बाढ़ से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री एवं उपकरण जैसे मोटर बोट, लाईफ जैकेट, रस्सियां एवं अन्य आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता अभी से सुनिश्चित की जावे। गोताखोरों के इंतजाम के साथ ही खोज एवं बचाव दलों का प्रशिक्षण पूर्ण कराया जावे। उन्होंने निर्देश दिए कि 15 जून से बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिए जावे।
उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी आपदा एवं बाढ़ से बचाव के संबंध में पूर्व तैयारी करते हुए योजनाबद्ध तरीके से आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें ताकि आपदा के समय उनका समुचित उपयोग किया जा सकें। चिकित्सा विभाग आवश्यकतानुसार चिकित्सा दल एवं पर्याप्त दवाइयों का स्टॉक सुनिश्चित करें। जिला परिवहन अधिकारी आवश्यकता होने पर परिवहन व्यवस्थाएं उपलब्ध कराए। जिलेभर में अवैध नौकाओं के परिवहन की रोकथाम के लिए इनकी जांच की जावे।
उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों में भी आपदा से निपटने के समुचित प्रबंध रखे जावे, ताकि जरूरत पडने पर यहां लोगों को पहुंचाकर राहत दी जा सके। जलभराव वाले स्थानों को चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी वर्षा काल के दौरान हर स्थिति पर नजर बनाएं रखे। खासतौर से उन स्थानों पर विशष सतर्कता बरती जावे, जहां पूर्व के वर्षों में जलभराव की स्थितियां बनी हो।
उन्हांेने निर्देश दिए कि उपखण्ड अधिकारी उनके क्षेत्र में स्थित सभी बांधों का टीम के साथ निरीक्षण करें तथा जिन स्थानों पर मरम्मत की जरूरत है, वहां तुरंत कार्य करवाया जावे। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी भिजवाई जावे। जिन बांधों अथवा तालाब में गेट नहीं है उनके समीप निवास करने वाली आबादी के लिए सुरक्षित जगह का चयन करके रखा जावे। सभी बांधांे के गेटों में ग्रीसिंग और आवश्यक रखरखाव के कार्य तुरंत करवा लिए जावे। बांधों पर मिट्टी के कट्टों की व्यवस्था रखी जावे। साथ ही बंाधों तक पहुंचने वाली संपर्क सड़के भी दुरूस्त करवाई जावे।
नालों की सफाई तुरंत कराएं
जिला कलक्टर ने नगर परिषद एवं नगरपालिका क्षेत्रों में स्थित नालों की सफाई का कार्य प्राथमिकता के साथ तुरंत करवाने तथा सफाई के बाद निकलने वाले कचरे को अन्य स्थानों पर डालने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नालों की अच्छी तरह से सफाई हो, ताकि पानी की निकासी सुचारू रूप से हो सके।
संकेतक लगाएं, पर्यटक स्थलों पर तैनात करें सुरक्षाकर्मी
जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि रपट एवं अधिक बहाव वाले नदी-नालों किनारे सुरक्षा संकेतक लगवाए जावे। साथ ही जिले में जिन पर्यटक स्थलों पर लोगांे की ज्यादा आवाजाही हो, वहां सुरक्षाकर्मी तैनात किए जावे। इन स्थलों पर सुरक्षा के तय मानकों की सख्ती से पालना करवाना भी सुनिश्चित कराई जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सका।
जर्जर भवनों को हटाए
उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित विकास अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों मंे स्थित ऐसे जर्जर भवन, जिनके बरसात के दौरान गिरने की संभावना है, उन्हें चिन्हित कर हटाने की कार्यवाही करे। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में नगर परिषद एवं नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी ऐसे भवनों को चिन्हित कर हटाना सुनिश्चित करें।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर मुकेश कुमार चौधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरीलाल, समस्त उपखण्ड अधिकारी, नगर परिषद आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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