भरतपुर: भरतपुर जिले के 63606 पीडीसी उपभोक्ताओं ने पिछले करीब दो-तीन साल में 10872 लाख रुपए की बिजली फूंकी और बिना बिल जमा कराए ही गायब हो गए हैं। इसे लेकर डिस्कॉम द्वारा जब इनके कनेक्शन काटे तो वह न तो बकाया बिल जमा करवाने पहुंचे न ही कनेक्शन वापस जुड़वाया। खास बात यह है कि इन बिजली चोरों ने नाम-पता बदल दूसरे कनेक्शन भी ले लिए, जबकि 10-15 हजार उपभोक्ता तो अपने घर से ताला लगाकर ही चले गए। अब इनसे बकाया वसूलने के लिए पिछले 4 माह से एक्सईएन से लेकर लाइनमैन तक ढूंढने में लगे हुए हैं, लेकिन इनका कोई पता नहीं लग रहा है। इनको ट्रैस करने के लिए पड़ोसियों तक की मदद ली जा रही है।
भरतपुर जिले में पीडीसी (परमानेंट डिस्कनेक्ट कनेक्शन) उपभोक्ताओं में 63606 उपभोक्ताओं पर 10873 लाख रुपए बकाया है। सब डिवीजन वार सूचियां बनाकर बकाया वसूली के निर्देश दिए गए हैं। जांच में सामने आया है कि कुछ उपभोक्ताओं ने नाम बदला नए कनेक्शन ले लिए है, जबकि बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता है जो मकान से ताला लगाकर चले गए हैं। इनसे वसूली के लिए लाइनमैन और पड़ोसियों की मदद ली जा रही है। इसके अलावा इन उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मकान कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। -बीएल वर्मा, अधीक्षण अभियंता
भरतपुर गुंडवा के जगवीर सिंह पर 69000, मोती संता निवासी भरतपुर पर 30 हजार और खेमचंद निवासी गुंडवा पर 28 हजार रुपए का बिल बकाया था। बिल जमा नहीं करने पर डिस्कॉम ने स्थायी रूप से इनके कनेक्शन काट दिए। अब अफसर इनके घर वसूली करने पहुंचे तो पता चला कि यह काफी समय पहले घर से ताला लगाकर कहीं बाहर चले गए हैं। उल्लेखनीय है कि यह आंकड़े डिस्कॉम अफसरों के अनुसार करीब 4 माह पहले जारी पीडीसी बकायेदारों की सूची के अनुसार हैं।
डिस्कॉम अफसरों के अनुसार जिले में 20 हजार रुपए के बकायेदारों की संख्या सर्वाधिक 42657 है और इन पर 2627 लाख रुपए बकाया है। इसी प्रकार 20 से 50 हजार वालों की संख्या 15524 है, जिन पर 4845 लाख रुपए का बिल शेष है। जबकि 4866 पीडीसी उपभोक्ताओं पर 50 हजार से एक लाख रुपए तक का बिजली का बिल है, जो करीब 3042 लाख है। इनके अलावा एक लाख से अधिक वाले उपभोक्ता 506 है, जिन पर 849 लाख रुपए का बकाया है। कुम्हेर के जीत सिंह पर 9715 रुपए का बकाया था। बिल जमा नहीं कराने पर कनेक्शन कट गया। उपभोक्ता ने डिस्कॉम कर्मियों से सांठगांठ कर अन्य परिजन जितेंद्र के नाम से उसी घर पर नया कनेक्शन ले लिया। अफसर जांच करने पहुंचे तो सच सामने आया।