बाल तस्करी मामले में उदयपुर में पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया
उदयपुर न्यूज: उदयपुर के आदिवासी अंचल से बाल तस्करी की घटनाओं को लेकर भाजपा ग्रामीण प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन दिया. जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह चौहान के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार के प्रति प्रशासन की नाकामी पर जमकर नारेबाजी की. भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल में सलूंबर विधायक व डूंगरपुर जिला संगठन प्रभारी अमृत लाल मीणा भी मौजूद रहे।
ज्ञापन के दौरान पदाधिकारियों ने कार्यालय में जिला कलक्टर व अपर जिला कलक्टर के उपलब्ध नहीं होने के विरोध में जमकर नारेबाजी की. बाद में जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष ने पदाधिकारियों से ज्ञापन लिया।
जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने कहा कि मेवाड़ वगड़ में बाल तस्करी का पूरा नेटवर्क स्थापित हो चुका है. इस मामले में सरकार व प्रशासन लगातार उदासीनता दिखा रहा है जो कि शर्म की बात है। चौहान ने कहा कि हाल ही में पकड़े गये गिरोह ने लिपा पोटी में उदयपुर पुलिस प्रशासन को भी लगा दिया है. आरोपी के खिलाफ केवल बाल श्रम की धाराएं जोड़ी गईं जबकि आईपीसी की धारा 370 और जेजे एक्ट के तहत मामले की जांच चल रही थी। इसके अलावा बच्चों को सरकारी संरक्षण में लेने के बजाय दूसरे एनजीओ को दे दिया गया, जबकि पूरी प्रक्रिया सरकारी निगरानी और सिस्टम के तहत होनी चाहिए थी.
चौहान ने कहा कि कोटड़ा, मामेर, झाड़ोल, फलासिया, गोगुन्दा सहित आदिवासी क्षेत्र बाल तस्करी का गढ़ बन गये हैं. यहां से आदिवासियों के बच्चों की अंतरराज्यीय तस्करी हो रही है। उन्होंने इस मामले में शहर के आईवीएफ केंद्रों पर भी दोष मढ़ते हुए कहा कि शहर के कई आईवीएफ केंद्रों से निसंतान दंपतियों का डाटा लीक हो रहा है।