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बड़ी खबर
दौसा मेंहदीपुर बालाजी में चल रही भव्य भागवत कथा में गुरुवार को महंत नरेश पुरी महाराज ने भगवान गोवर्धन को अन्नकूट का भोग लगाया. इस दौरान महंत महाराज व कथावाचक मृदुल कृष्ण महाराज सहित अन्य लोगों ने खड़े होकर राष्ट्रगान गाया। इस मौके पर कथा सुनने आए सभी श्रद्धालु अपने-अपने स्थान पर खड़े रहे। इसके बाद कथा आचार्य ने भागवत का वर्णन करते हुए कहा कि ईश्वर की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायी हैं।भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्यकाल में अनेक लीलाएं कीं। बालकृष्ण सबका मन मोह लेते थे। उसके शरारती स्वभाव के कारण यशोदा की माता प्रतिदिन उसकी शिकायत किया करती थी। माँ उससे कहती थी कि तुम रोज चोरी का माखन खाते थे, तो वह तुरंत मुँह खोलकर माँ को दिखाता था, कि मैंने माखन नहीं खाया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ग्वालों के साथ गोवर्धन पर्वत पर गए थे। वहाँ गोपिकाएँ भोजन बनाकर उत्सव मना रही थीं।
श्रीकृष्ण के पूछने पर उन्होंने बताया कि इस दिन देवताओं के स्वामी इंद्र की ही पूजा की जाती है। इससे प्रसन्न होकर इंद्र ब्रज में वर्षा करते हैं। जिससे प्रचुर मात्रा में अन्न उत्पन्न होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि इंद्र में क्या शक्ति है। उनसे भी अधिक शक्तिशाली हमारा गोवर्धन पर्वत है। इस वजह से बारिश होती है। हमें गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए। बाद में श्रीकृष्ण ने इसे स्वीकार कर लिया और ब्रज में गोवर्धन पूजा की तैयारियां होने लगीं।
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Rounak Dey
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