जयपुर: शहरों और गांवों को डिजिटलाइल्ड किया जा रहा है। शहर के स्मारकों की जानकारी दूर बैठे पर्यटक को आसानी से मिल सके। इसके लिए वेबसाइट सहित अन्य सोशल मीडिया पर इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, लेकिन प्रदेश के एम्बेसडर कहे जाने वाले गाइडों को डिजिटल होने का अब भी इंतजार है। इन्हें गाइडिंग के लिए पर्यटन विभाग ने परिचय पत्र दिया है, लेकिन गाइडों का कहना है कि उन्हें भी डिजिटल परिचय पत्र दिए जाने चाहिए। जहां गावं और ढाणियों को डिजिटल बनाया जा रहा है तो हम इस मामले में पीछे क्यूं हैं। इस संबंध में कई बार पर्यटन विभाग के अधिकारियों से मिलकर मांग की गई है, लेकिन विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते।
बारकोड से पता लग जाएगा गाइड असली है या फर्जी: जयपुर टूरिस्ट गाइड एसोसिशन के अध्यक्ष मदन सिंह का कहना है कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने गाइडों को डिजिटल परिचय दिए हैं। इसमें बारकोड की सहायता से कभी भी स्कैन कर गाइड की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही डिजिटल कार्ड में टूरिस्ट हैल्पलाइन नम्बर दिए हैं। यहां पर्यटन विभाग की ओर से हमें दिए परिचय पत्र में ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। अगर डिजिटलाइज्ड परिचय पत्र हमें भी मिले तो चैकिंग के दौरान टैफ का स्टाफ भी कार्ड पर लगे बारकोड को स्कैन कर पता लगा सकते हैं कि गाइड असली है या फर्जी। मदन सिंह का कहना है कि कभी-कभी तो पर्यटक हमारे परिचय पत्र को टूर रिपोर्ट कार्ड समझ लेते हैं।
नए भर्ती वाले गाइडों को स्मार्ट परिचय पत्र देने पर विचार किया जा रहा है। अगर ये सफल रहता है तो दूसरे फेज में पुराने गाइडों को भी इस तरह के परिचय पत्र दिए जा सकेंगे। -उपेन्द्र सिंह शेखावत, उपनिदेशक, पर्यटन विभाग