जयपुर: राजस्थान विश्वविद्यालय में सोमवार को एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में न्यू एजुकेशन पॉलिसी का एजेंडा पास हुआ। अब विश्वविद्यालय और संगठन कॉलेजों में अंडर रिजर्वेशन कोर्सेज में भी सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी। करीब 2 घंटे चली इस बैठक में कुछ सदस्यों ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने का विरोध भी किया, लेकिन ज्यादातर सदस्य पॉलिसी को लागू करने के पक्ष में रहे। इस दौरान कुछ छात्रों ने जमकर हंगामा भी किया। विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएशन कोर्सेज फर्स्ट ईयर में नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई कराने का फैसला लिया गया। इसके तहत अब यूनिवर्सिटी के संघटक कॉलेजों के साथ जयपुर और दौसा के सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में भी नई शिक्षा नीति के तहत प्रवेश होंगे। यूजी फर्स्ट ईयर में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसके तहत 6-6 महीने के दो सेमेस्टर पढ़ाए जाएंगे। तीन साल के यूजी पाठ्यक्रम के लिए 6 सेमेस्टर में पढ़ाई होगी। इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से क्रेडिट स्कोर भी तय कर दिए गए हैं।
स्किल डवलपमेंट कोर्स कराए जाएंगे
वहीं नई एजुकेशन पॉलिसी में स्किल डवलपमेंट के लिए भी कोर्स होंगे। सेमेस्टर स्कीम के तहत यूजी में स्किल डवलपमेंट कोर्स कराए जाएंगे। इसके लिए कोर्स भी तय किए गए हैं। इनमें कम्प्यूटर साइंस, लाइफ सेविंग, फूड प्रोसेसिंग, आयुर्वेद, नर्सरी डवलपमेंट सहित कई कोर्स तैयार किए हैं। इसके अलावा हॉस्पिटिलिटी, पर्यटन, मानव संसाधन प्रबंधन, एग्रीकल्चर, एयरोस्पेस एंड एविएशन, कम्यूनिकेशन, फैशन डिजाइनिंग जैसे क्षेत्र में इंटर्नशिप कराई जाएगी। जानकारों की मानें तो सेमेस्टर सिस्टम से छात्रों की परफॉर्मेंस सुधरेगी और व्यवहारिक ज्ञान में बढ़ेगा। इससे छात्रों को रोजगार में फायदा होगा।
इस तरह होगा सेमेस्टर सिस्टम
-यूजी फर्स्ट ईयर में होंगे दो सेमेस्टर।
-छात्र दो सेमेस्टर छोड़कर जाएगा तो छात्र को इंटर्नशिप करनी होगी, उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
-सैकंड ईयर या चार सेमेस्टर करने बाद छात्र छोड़ता है तो यूजी डिप्लोमा मिलेगा, साथ ही इंटर्नशिप करनी होगी।
-छात्र दोबारा खाली सीट पर प्रवेश पा सकेगा, उसका एडमिशन थर्ड सेमेस्टर में होगा।
-सेमेस्टर सिस्टम में यूजी में 6 सेमेस्टर क्लियर करने पर ही छात्र को डिग्री मिलेगी।