अब 20 साल तक कमिश्नर लेवल पर ही मिल जाएगी आवंटित जमीन पर कंस्ट्रक्शन की अनुमति
जयपुर न्यूज़: अब राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में डिप्टी हाउसिंग कमिश्नर (डीएचसी) और कमिश्नर के अधिकार बढ़ गए हैं। सामान्य आवंटन या नीलामी में प्लाटों, प्लिंथ लेवल या कंकाल मकानों पर निर्माण के लिए दी गई अनुमति (20 वर्ष तक) अब केवल आयुक्त स्तर पर ही मिलेगी। इसके लिए बोर्ड की बैठक या चेयरमैन को प्रस्ताव भेजने की जरूरत नहीं होगी। हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इन आदेशों के अनुसार भूमि आवंटन के बाद 7 वर्ष तक उस पर निर्माण कार्य करना होता है। यदि निर्माण 7 वर्ष तक नहीं किया जाता है, तो भूमि पर निर्माण की अवधि 7 वर्षों के लिए बढ़ा दी जाती है, जिसे अब केवल उप आवास आयुक्त के स्तर पर ही बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए कुछ शुल्क देना होगा। साथ ही अगर 14 साल बाद भी निर्माण नहीं कराया जाता है तो आयुक्त स्तर पर निर्माण अवधि को अगले 6 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
अब तक ऐसे मामलों में ऐसे प्रस्तावों को बोर्ड की बैठक में अनुमोदन के लिए रखा जाता था या अध्यक्ष के स्तर पर रखा जाता था। इससे पहले ऐसे मामलों के निस्तारण में देरी होती थी, लेकिन अब नहीं।