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कोटा। कोटा के सिटी पार्क को इस थीम पर डिजाइन किया गया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र यहां आकर तनावमुक्त रहें। कोटा में स्ट्रेस फ्री पार्क लगभग बनकर तैयार हो गया है। नए साल के जनवरी में इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। पार्क के निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी यहां आने पर तनाव मुक्त हो सकें।
दरअसल, मेडिकल-इंजीनियरिंग कोचिंग का अड्डा बन चुके कोटा से पिछले दो सप्ताह में चार छात्रों के आत्महत्या करने की खबर सामने आई थी. ये सभी छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में व्यस्त थे और तनाव में थे। इससे पहले भी कई बार यहां ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए 'स्ट्रेस फ्री पार्क' बनाने की शुरुआत की गई। इस सिटी पार्क की थीम है कि इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना लेकर देश भर से आने वाले छात्र इसमें घूम सकते हैं और तनाव मुक्त हो सकते हैं। इसमें से 72 फीसदी में सवा लाख से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए जा चुके हैं। 16 प्रतिशत में नहरें और तालाब हैं। केवल 12% में कंक्रीट का निर्माण है।
पार्क में देशभर से विभिन्न प्रजातियों के 65 हजार पेड़-पौधे लाए गए हैं। इनमें से 15,000 बड़े पेड़ और 50,000 फूल, वनस्पति और सजावटी पौधे हैं। आंध्र प्रदेश से 8 से 10 फीट ऊंचे पेड़ लाए गए हैं और पुणे और बेंगलुरु से ऐसी क्यारियां लाई गई हैं, जिनमें साल भर फूल खिलेंगे। अभी तक ऊटी, बंगलौर और लखनऊ में इस तरह के वनस्पति उद्यान हैं। इसके अलावा 1150 टन लोहे के अंडाकार ढांचे में चिड़िया घर बनाया गया है। इसमें पक्षियों की 50 से अधिक प्रजातियां होंगी। इसके पास मोरों के लिए भी जगह तय की गई है।

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