राजस्थान

अब राजस्थान में भी OBC आरक्षण पर गिरेगी गाज

Admindelhi1
25 May 2024 8:52 AM GMT
अब राजस्थान में भी OBC आरक्षण पर गिरेगी गाज
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राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने ओबीसी आरक्षण पर पुनर्विचार करने के संकेत दिए हैं

जयपुर: पश्चिम बंगाल में ओबीसी आरक्षण रद्द होने के बाद अब राजस्थान की ओबीसी आरक्षण सूची पर तलवार लटक रही है. राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने ओबीसी आरक्षण पर पुनर्विचार करने के संकेत दिए हैं. वहीं, राजस्थान सरकार के निशाने पर 14 मुस्लिम जातियां भी हैं, जिन्हें ओबीसी आरक्षण सूची से हटाया जा सकता है.

4 जून के बाद इस पर विचार किया जाएगा: राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत का कहना है कि 4 जून के बाद हम ओबीसी आरक्षण सूची पर विचार करेंगे. इसमें 14 मुस्लिम जातियां भी शामिल हैं. 1997 से 2013 के बीच कुछ लोगों को ओबीसी आरक्षण देना सही था या गलत? इस पर पुनर्विचार किया जायेगा. दरअसल, आम चुनाव के नतीजे 4 जून को आने वाले हैं. इसके बाद देश में लागू आचार संहिता खत्म हो जाएगी. इसीलिए अविनाश गहलोत ने 4 जून के बाद ओबीसी आरक्षण पर विचार करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने संविधान में लिखा है कि धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता. लेकिन कांग्रेस सरकार ने तुष्टिकरण के आधार पर कुछ मुस्लिम जातियों को आरक्षण दे दिया. कांग्रेस सरकार ने 1997 से 20130 तक 13-14 मुस्लिम जातियों को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया है। जिसके सर्कुलर भी हमारे पास हैं. विभाग और सरकार अब इसकी समीक्षा करेगी.

सीएम भजनलाल शर्मा ने दिया बयान: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी लखनऊ में चुनाव प्रचार के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. सीएम भजनलाल शर्मा ने विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने के लिए विपक्ष ने सारी हदें पार कर दी हैं.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला: बता दें कि 22 मई 2024 को कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2010 के बाद दिए गए ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट ने 2011 से 2014 के बीच जारी किए गए ओबीसी आरक्षण प्रमाणपत्रों को अवैध घोषित कर दिया और नई आरक्षण सूची जारी करने का आदेश दिया. हाई कोर्ट के इस फैसले से बंगाल सरकार को भी तगड़ा झटका लगा. इसके तहत 77 जातियों के ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द कर दिए गए, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम जातियां भी शामिल थीं.

सीएम ममता बनर्जी ने दिया बयान: गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाई कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था. जाहिर है इस फैसले का लोकसभा चुनाव पर बड़ा असर पड़ सकता है. तृणमूल कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था लेकिन अब आरक्षण रद्द होने से पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है.

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