कोटा: प्रदेश के तीन बड़े शहरों में शुमार कोटा में भी अब डीएनए की जांच आसानी से हो सकेगी। इसके लिए यहां डीएनए लैब बनाने का काम किया जा रहा है। जिसके अगले तीन माह में पूरा होने की संभावना है।
डीएनए जांच के लिए अभी तक कोटा से सैम्पलों को जयपुर समेत कई अन्य जिलों में भेजा जाता था। जिनकी रिपोर्ट आने में समय भी अधिक लगता था। इसे देखते हुए अब कोटा में ही डीएनए जांच लैब बनाई जा रही है।
70 लाख की लागत से बनेगी लैब
एमबीएस अस्पताल की नई ओपीडी बनने से पुराने अस्पताल के आउटडोर के कमरे खाली हो गए थे। उन कमरों में अब डीएनए लैब बनाई जा रही है। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा करीब 70 लाख रुपए की लागत से लैब बनाने का काम किया जा रहा है। आउटडोर के 8 कमरों को लैब के लिए तैयार किया जा रहा है। यहां कुछ दिन पहले ही रिनोवेशन का काम शुरू हुआ है।
लैब के उपकरण पहुंचे कोटा
अस्पताल में फोरेंसिक विभाग के वैज्ञानिकों के दिशा निर्देशन में लैब बनाने का काम किया जा रहा है। लैब के हिसाब से कमरों को तैयार किया जा रहा है। अस्पताल के आउट डोर में छोटे-छोटे कमरे थे। जिन्हें बड़ा किया जा रहा है। हर कमरे में खिड़की बनाई जा रही है। लैब में स्थापित होेने के लिए उपकरण कोटा पहुंच चुके हैं।
मुख्यमंत्री बजट घोषणा
मुख्यमंत्री बजट घोषणा में रा’य में 4 जिलों में डीएनए लैब बनानी है। जिनमें से एक कोटा के अलावा जयपुर, जोधपुर व उदयपुर में भी इसी तरह की लैब बनाई जाएगी।
इनका कहना है
एमबीएस अस्पताल में डीएनए लैब बनाने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत तह काम किया जा रहा है। लैब का काम जुलाई तक पूृरा होने की संभावना है।
- डॉ. दिनेश वर्मा, अधीक्षक एमबीएस असपताल