इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र मामले में यूआईटी सचिव व कलेक्टर को नोटिस जारी
कोटा: स्थाई लोक अदालत ने गुरुवार को इंद्रप्रस्थ औद्योगिक के क्षेत्र के स्वरूप में बदलाव को लेकर सुनवाई करते हुए यूआईटी सचिव एवं जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर 10 अप्रैल 2023 तक जवाब तलब किया है। इस मामले में एडवोकेट लोकेश कुमार सैनी ने न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करते हुए बताया कि कोटा शहर में इंद्रप्रस्थ औद्योगिक के क्षेत्र का स्वरूप बदलना अत्यावश्यक है । औद्योगिक क्षेत्र के मास्टर प्लान में बदलाव कर इसे संस्थागत क्षेत्र घोषित किया जाना भी प्रस्तावित है इसके बावजूद भी इसके स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया गया। इस स्वरूप को बदलाव के लिए यूआईटी ने हाल ही में आपत्तियां मांगी थी जिस पर सुनवाई भी पूर्ण हो चुकी है । इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश के बड़े औद्योगिक क्षेत्र में शामिल है।
याचिका में बताया कि राज्य सरकार ने पिछले दिनों अधिसूचना जारी कर उक्त क्षेत्र में रोड नंबर 1 से 4 तक संस्थागत क्षेत्र करने के लिए सार्वजनिक सूचना जारी कर आपत्तियां मांगी थी । जिन का निस्तारण कर दिया गया है। इस क्षेत्र में लगभग डेढ़ सौ औद्योगिक भूखंडों का भू रूपांतरण संस्थागत क्षेत्र में किया जाना प्रस्तावित है। इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में करीब एक दशक पूर्व कोचिंग संस्थानों को अनुमति दी गई थी इसके बाद तेजी से यहां पर हॉस्टल तथा होटल बन चुके हैं । इस क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक कांपलेक्स ,आई टी पार्क , इंस्टिट्यूट जॉन, रेडीमेड गारमेंट जोन आबादी क्षेत्र में आ चुके हैं । इस कारण इस क्षेत्र को संस्थागत क्षेत्र घोषित किया जाना अति आवश्यक है । जिससे 80% तक संस्थागत गतिविधियां संचालित होंगी जो शहर के हित में अत्यावश्यक हैं। कोटा शहर के इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र को संस्थागत क्षेत्र नियमानुसार घोषित करने में यूआईटी सचिव तथा जिला कलेक्टर की लापरवाही के चलते यह कार्य नहीं हो पा रहा है ।न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए यूआईटी सचिव तथा जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।