आम जनता नहीं, सिस्टम की शह पर चुनिंदा लोग खत्म कर रहे हैं जंगल: प्रो फिल्टर
अलवर न्यूज़: आए दिन जंगलों से काटी जा रही लकड़ियों के संबंध में शोधकर्ता प्रो. अनिल छंगानी ने आमजन की पैरवी करते हुए कहा कि जंगल का विनाश या फिर जंगल से लकड़ियां काटने का काम आमजन नहीं कर रहा बल्कि चुनिंदा लोग हैं जो सिस्टम की शह पर यह सारा काम कर रहे हैं।
प्रो. छंगानी राजर्षि कॉलेज के तत्वावधान में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान, रूसा के तहत चल रही तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के अंतिम दिन शुक्रवार को अलवर मोटल में अपना शोध पत्र प्रस्तुत कर रहे थे। दरअसल भास्कर ने सवाल किया कि लगातार काटी जा रही लकड़ियों के बाद सरकार उज्जवला योजना लेकर आई, लेकिन उसके बाद भी आए दिन सरिस्का सहित देशभर के जंगलों से लकड़ियां काटने और सिर पर गटठ॰र ले जाने के मामले सामने आ रहे हैं। प्रो. छंगानी ने जवाब में कहा कि वो लोग अंग्रेजी बबूल काट रहे हैं जो सरकार नहीं काट पा रही है। वो कीमती लकड़ियों को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं और ना ही हरी लकड़ियां काट रहे हैं। आप देखिए कि कौन लोग हैं जो यह काम कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्हें सिस्टम की शह मिली हुई है। अपने शोध पत्र में उन्होंने कहा कि देश में एक भी नेशनल पार्क मैनेज नहीं है। कोई नहीं जानता कि हमें प्रकृति के साथ कैसे रहना है।
पहले दादा अपने पोते को बताते थे और पोते अपनी संतानों को बताते थे, लेकिन अब प्रकृति को बचाने के तमाम उपाय हम सिर्फ किताबों में ही पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ही शिकारियों को नहीं रोक पा रहे हैं तो सरकार के बस की बात कहां है। इधर पर्यावरण संरक्षण के लिए सतत् विकास के लक्ष्य विषय पर चल रही तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का समापन शुक्रवार को हुआ। आयोजन सचिव डॉ. ममता शर्मा ने पिछले दिनों चली चर्चा पर विस्तृत विवरण दिया। प्रथम सत्र में नेपाल से डॉ. लक्ष्मण खनाल ने मानव-वन्यजीव संघर्ष, कनाडा से डॉ. राज नरनावरे ने विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षण व अधिगम की नवीन तकनीकों का प्रयोग, मलेशिया से डॉ. प्रेम अधीश लेखी ने आपदा प्रबंधन एवं इसमें मीडिया के योगदान विषय पर अपने विचार रखे। तेलंगाना से डॉ. नगेन्द्र सिंह ने अपशिष्ट न्यूनीकरण, पुर्नचक्रण, तकनीक द्वारा पर्यावरण संरक्षण, इथोपिया से डॉ. मोहम्मद आसिफ शाह ने अफ्रीका में सतत् विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं आ रही बाधाओं के बारे में बताया।