मीडिया पर बंदिश नहीं, जरूरी लगा तो आदेश वापस लेंगे: सीएम गहलोत
उदयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भ्रष्टाचारी लोकसेवकों के नाम उजागर नहीं करने संबंधी आदेश पर कहा कि मीडिया पर कोई बंदिश नहीं है। वैसे आदेश किस रूप में है, उन्होंने उसे देखा नहीं है। वे जयपुर लौटकर देखेंगे और आवश्यक लगा तो उसे वापस लेंगे।
वे 5 जनवरी को उदयपुर प्रवास के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछली बार वसुंधरा राजे सरकार मेंबिल आया था कि बिना जांच और आरोप सिद्ध हुए मीडिया वाले कोई न्यूज नहीं छाप पाएंगे। बाद में मुद्दा बन जाने पर सरकार उसे स्पष्ट नहीं कर पाई और बिल विड्रो करना पड़ा था। इस आर्डर को उन्होंने देखा नहीं है, उसे जयपुर जाकर देखेंगे कि वह किस रूप में है। जहां तक उन्हें जानकारी है कि सुप्रीम कोर्ट के तीन जज की बैंच ने फैसला दिया है कि ऐसे केस में जब तक आरोप सिद्ध नहीं हो जाए, तब तक मीडिया को आधिकारिक तौर पर नाम न दें। उन्होंने कहा कि कोई पकड़ा जाता है तो मीडिया एक्शन ले, कोई दिक्कत नहीं है। सरकार तो हर चीज को लेकर संवेदनशील है। पेपर आउट होता है तो उसमें लिप्त को नौकरी से बर्खास्त करते हैं।
कार्रवाई करेंगे तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा: मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने राजस्थान में जितना काम किया, वह देश के किसी अन्य राज्य ने नहीं किया। अब उसमें भी नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया साहब कहेंगे कि भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा हो रहा है। इसका मतलब कि सरकार छापे नहीं डाले। सरकार क्या कार्रवाई नहीं करे। मतलब यह है कि भाजपा वाले उल्टा चलते हैं। इनकी बुद्धि उलटी काम करती है। भ्र्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे तो वे पकड़े जाएगे, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। उसकी तारीफ करना कोई नहीं सीखा, सब यही कहेंगे कि राजस्थान में भ्रष्टाचार ज्यादा है। राजस्थान में सरकार ने एफआईआर तक अनिवार्य कर दी। राजस्थान में बहुत अच्छा काम हो रहा है।
बस चले तो रेपिस्ट के सिर के बाल काट परेड कराऊं: मुख्यमंत्री ने कहा कि बस चले तो ऐसे अपराधियों की पब्लिक परेड कराऊं। दुष्कर्म करने वाले के सिर के बाल काट कर मार्केट में घुमाएं ताकि जनता जाने कि यह रेपिस्ट है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिया कि अपराधियों को हथकड़ी नहीं लगा सकते। पहले जब हथकड़ी लगती थी तो उसे अपराध बोध होता था। हथकड़ी हटाने के बाद अब पुलिसकर्मी हाथ पकड़ कर ले जाते हैं, उसका क्या तूक। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपना काम करती है, वे अपना काम करते हैं। न्यायपालिका का सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है। यह आदेश भी उसी तरह से निकला हुआ है। मीडिया और पब्लिक को माइंस नहीं करना चाहिए। सरकार की मंशा वही है जो पहले थी।
भ्रष्टाचार मामलों में रहेगी जीरो टोलरेंस: गहलोत ने कहा कि अभी जो आदेश निकला है वह सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की मंशा को देख डीजी ने इसलिए निकाल दिया होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है जिसकी पालना कर रहे हैं और कोई मसकद नहीं। सरकार की मंशा आज भी वही है, जो पहले थी और आगे भी राजस्थान में मजबूती के साथ छापे पड़ेंगे। भ्रष्टाचार में जीरो टोलरेंस रहेगी। मीडिया पर कोई रोक नहीं है जो चाहे वह छापे।