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जयपुर: प्रमुख सचिव सहकारिता श्रेया गुहा ने कहा कि राज्य की 7 हजार से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियों (Village Service Co-operative Societies) का कंप्यूटराइजेशन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष 1298 ग्राम सेवा सहकारी समितियों का चयन कर लिया गया है और शेष समितियों का तीन वर्षों के भीतर चयन कर कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया की जाएगी.
सहकारिता विभाग (cooperative Department) की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा अपेक्स बैंक में नाबार्ड की 50वीं उच्च स्तरीय और राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को संबोधित कर रही थी. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी केंद्रीय सहकारी बैंक पैक्स चयन की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करे ताकि कंप्यूटराइजेशन की आगामी कार्यवाही को पूरा किया जा सके. उन्होंने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर स्तर की बैठक का आयोजन इसी माह पूरा कर पैक्स चयन की सूचना भिजवाएं.
केंद्रीय सहकारी बैंकों में रिक्त 557 पदों पर भर्ती के लिए राजस्थान सहकारी भर्ती बोर्ड को अभ्यर्थना भेज दी गई है और शीघ्र ही बोर्ड द्वारा भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर ली जाएगी. ताकि स्टॉफ संबंधी समस्या को दूर किया जा सके. उन्होंने निर्देश दिए कि अपेक्स बैंक के स्तर पर एक मॉनिटरिंग सेल का गठन किया जाए ताकि केंद्रीय सहकारी बैंकों को दिए लक्ष्यों और उनके कार्यों की समय-समय पर मॉनिटरिंग हो सके. बैंक नाबार्ड एवं आरबीआई द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन करे और सूचनाओं को त्वरित रूप से भिजवाएं. उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक के अधिकारी व्यावसायिक बैंकर की तरह कार्य कर बैंक के व्यवसाय में बढ़ोतरी करे.
सहकारिता का दायरा व्यापक है और भारत सरकार भी अब इस और नई नीति जारी करने वाली है. अतः ऐसे में बैंक कार्यदक्षता में वृद्धि करें. रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंक फसली ऋण के अलावा दीर्घकालीन ऋण वितरण पर भी ध्यान दे. नाबार्ड (NABARD) द्वारा विभिन्न योजनाओं का बैंक लाभ ले और दिए गए लक्ष्यों को समय पर पूरा करे. उन्होंने कहा कि पैक्स कंप्यूटराइजेशन सहकारिता के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है और इससे बैंक की गतिविधियों में पारदर्शिता और जवाबदेही स्थापित होगी.
निर्धारित मापदंडों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश:
उन्होंने निर्देश दिए कि पैक्स चयन के लिए निर्धारित मापदंडों को शीघ्र ही पूरा करे. नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक बी. एन. कुरूप ने कहा कि बैंक अपने व्यवसाय का दायरा बढ़ाए और कृषि ऋण के अलावा अन्य कार्यों के लिए भी ऋण दे. उन्होंने कहा कि पैक्स को भी सहयोग दे और उन्हें व्यवसाय में विविधता लाने के लिए प्रेरित करे. उन्होंने कहा कि नाबार्ड और आरबीआई की गाइडलाइन की पालना नहीं करने पर देश के कई सहकारी बैंकों को दंडित भी किया गया है. ऐसे में गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करवाएं.
न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews
Admin4
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