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राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम में एक नया मोड़ सामने आया हैं। फिलहाल अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अब इस सारे मामले में कुछ नए 'डवलपमेंट्स' हुए। मल्लिकार्जुन खड़गे से गहलोत की लंबी मंत्रणा हुई। इसके बाद आनंद शर्मा और जी -23 के नेताओं से भी गहलोत ने लंबी मंत्रणा की और दिग्विजय सिंह के बजाय खड़गे को ऑफिशियली उम्मीदवार बनाए जाने पर सहमति हुई है।
इस मंत्रणा के बाद अब फिलहाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे अशोक गहलोत, अब इस सारे मामले में हुए कुछ नए 'डवलपमेंट्स', मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस प्रेसीडेंट के नामांकन के बाद सामने आये है। इसी बीच दिल्ली से जुड़े एक सूत्र ने संकेत दिए है कि गहलोत से बातचीत के बाद जी-23 के नेता भी एकमत हुए और ये सभी लोग बने मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक हैं। अब जी-23 ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया। इस प्रकार अब खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय हैं। खड़गे गहलोत के पुराने करीबी हैं। जहां तक नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए विधायक दल की बैठक का प्रश्न है, अब ये सारा मामला भी फिलहाल खटाई में पड़ गया, क्योंकि अगले कुछ दिन कोई भी सीएलपी की बैठक नहीं हो रही है। इस प्रकार नए मुख्यमंत्री चुनने का काम भी स्थगित हुआ।
गहलोत के मुख्यमंत्री बने रहने की स्थिति में पायलट को पीसीसी चीफ या उत्तरी भारत के राज्यों के लिए संगठन महासचिव का एक नया पद सृजित करने के संकेत है, लेकिन एक बात तो तय है।इसी बीच गहलोत कैम्प ने रुको और देखो की रणनीति अपनाई। तीन दिन के दिल्ली प्रवास के बाद आज शाम गहलोत जयपुर लौटे है। कई मंत्री और विधायक गहलोत से मिलने जा रहे हैं।
न्यूज़ क्रेडिट: aapkarajasthan
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