जयपुर। राजधानी की सड़कों पर लाल बत्ती तोड़ना और यातायात के नियमों (Traffic Rules) की धज्जियां उड़ाना तो काफी पुरानी बात हो गई है। मगर, इन दिनों नंबर प्लेट के नंबरों को तोड़-मरोड़कर अपने हिसाब से इस्तेमाल करने का भी नया ट्रेंड चर्चाओं में है। नए ट्रेंड के चलते लोग मनमाने नंबरों को आरटीओं से इशू करवाकर मनमाने तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। यही कारण है कि राजधानी में BOSS के अलावा पापा और जाट जैसी नंबर प्लेट लगाकर घूमती हुई गाड़ियां आम हो गई हैं। दूसरी तरफ ट्रैफिक पुलिस का इस ओर ध्यान नहीं है।
दरअसल, ये लोग अपने शौक पूरे करने के चक्कर में नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में कई बार लोग वारदात के बाद भाग जाने पर इनकी गाड़ी के नंबरों की पहचान तक नहीं कर पाते हैं। गौरतलब है कि अगर पुलिस की चेकिंग में इनको पकड़ भी लिया जाता है तो ये अपने आप को इन नंबरों को तोड़-मरोड़कर सही साबित भी कर देते हैं। गौरतलब है कि आरटीओं की ओर गाड़ियों के लिए निश्चित दिशा निर्देश वाली नंबर प्लेट लगाने की सलाह दी जाती है, मगर इन दिनों लोगों द्वारा इसे अपने अनुसार बाजार से नई बनवाकर गाड़ी में लगाना ट्रेंड बन चुका है।
ऐसी नंबर प्लेट जारी करता है आरटीओ
सरकार की ओर से 1 अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड हुए सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर को डेड स्टीकर लगा होना जरूरी कर दिया गया था। ये प्लेट एल्यूमीनियम से बनी है। प्लेट को आरटीओ की ओर से स्नैप-ऑन लॉक के जरिए वाहन पर लगाया जाता है।
दबदबा बनाने के लिए कर रहे ऐसा
सच बेधड़क ने ऐसे वाहन चालकों से बात की तो कई तथ्य सामने आए। एक का कहना था कि इस का अलग ही स्वैग है, वहीं दूसरे ने बताया कि इस तरह करने से दबदबा बनता है। उनका यह भी कहना था कि पीछे की नंबर प्लेट को पुलिस द्वारा बहुत ही कम चेक किया जाता है।
इनका कहना है…
आरटीओ प्रथम विजेंद्र सिंह का कहना है कि नंबर प्लेट के साथ अगर कोई छेड़छाड़ करता है तो उस पर कार्रवाई होती है। नियमानुसार चालान काटा जाता है। वहीं, आरटीओ द्वितीय धर्मेंद्र चौधरी ने कहा कि मेरे संज्ञान में तो पिछले दो महीने से कोई ऐसा मामला नहीं आया है। मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।
इन नंबरों को ऐसे कर रहे परिवर्तित
8055 को BOSS
0214 को राम
5772 को जाट
2414 को श्याम
4141 को पापा
7171 को नाना