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राजसमंद। आरके अस्पताल के महिला एवं शिशु अस्पताल में 90 लाख की लागत से नई एमएनसीयू (मैटरनल नियोनेटल केयर यूनिट) बनेगी। इस विंग के बनने के बाद माताओं को अपने नवजात से दूर नहीं रहना पड़ेगा। साथ ही डॉक्टरों को इलाज में सहूलियत होगी. फिलहाल विंग छोटा होने के कारण गंभीर नवजात को मां के बिना दूसरे विंग में रखा जाता है। ऐसे में नवजात को दूध पिलाने के लिए मां को बार-बार एक विंग से दूसरे विंग तक जाना पड़ता है। इससे बाहरी वातावरण के संपर्क में आने से संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।
अब नई विंग बनने के बाद मां और नवजात एक साथ रह सकेंगे और नवजात का इलाज, देखभाल आदि ठीक से हो सकेगी। आरके अस्पताल के पीएमओ डॉ. ललित पुरोहित ने बताया कि एनएचएम के माध्यम से आरके अस्पताल में 30 बेड के एमएनसीयू विंग की स्वीकृति जारी कर दी गई है. इससे माताएं अपने नवजात शिशु के साथ रह सकेंगी और देखभाल की सुविधा प्राप्त कर सकेंगी। अभी नर्सरी का आकार छोटा होने के कारण नवजात शिशुओं के लिए सिर्फ 25 बेड ही लगाए गए हैं। वहीं प्रसूता को अस्पताल की पहली मंजिल पर भर्ती किया गया है।
नवजात को गहन देखभाल के लिए नर्सरी में भर्ती किया जाता है, लेकिन उसे दूध पिलाने के लिए हर दो घंटे में पहली मंजिल पर जीएसवाई कक्ष में भर्ती मां के पास ले जाना पड़ता है। ऐसे में मां को भी बच्चे की चिंता रहती है, लेकिन गंभीर बच्चों को नर्सरी में रखना भी जरूरी है। नर्सरी रूम का आकार छोटा होने के कारण मां के बिस्तर को नवजात के बिस्तर के साथ नहीं रखा जा सकता। ऐसे में लंबे समय से सरकार और विभाग से एमएनसीयू विंग के विस्तार की मांग की जा रही थी. एनएचएम ने इस मांग को पूरा करते हुए प्रस्ताव भेजा है, जिसे मंजूरी मिल गई है. अब 30 बेड का नया एमएनसीयू विंग बनाया जाएगा।
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Shantanu Roy
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