राजस्थान

फायर सेफ्टी पर न हॉस्टल संचालक गम्भीर न कोचिंग संस्थान, लोगों का जीवन संकट में

Admin Delhi 1
15 Nov 2022 1:39 PM GMT
फायर सेफ्टी पर न हॉस्टल संचालक गम्भीर न कोचिंग संस्थान, लोगों का जीवन संकट में
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कोटा: शहर में विकास व विस्तार के साथ ही बहुमंजिला इमारतों का निर्माण भी किया जा रहा है। जिनमें आवासीय के साथ ही व्यवसायिक इमारतें भी शामिल हैं। लेकिन उनमें से अधिकतर इमारतों में फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम तक नहीं है। हॉस्टल संचालकों से लेकर कोचिंग संचालक तक फायर सेफ्टी के प्रति ग्म्भीर नहीं हैं। शहर में बहुमंजिला इमारतों का निर्माण लगातार होता जा रहा है। शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं हैं जहां बहुमंजिला इमारतें नहीं हों। हालत यह है कि हर क्षेत्र में अब तो बहुमंजिला इमारतों की बाढ़ से आ गई है। नए कोटा का राजीव गांधी नगर हो या इंद्र विहार, तलवंडी हो या जवाहर नगर, दादाबाड़ी हो या बसंत विहार, बारां रोड पर बोरखेड़ा क्षेत्र हो या नया नोहरा, कोरल पार्क, पुराने शहर का बूंदी रोड हो या कुन्हाड़ी, लैंडमार्क सिटी हो या कृष्णा नगर हर क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतें ही इमारतें नजर आने लगी हैं। इन इमारतों को बनाने में करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जिनमें हजारों लोग रह रहे हैं। व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। हॉस्टलं में हजारों विद्यार्थी रह रहे हैं। कोचिंग में हजारों विद्यार्थी घंटों रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। उसी तरह से होटलों से लेकर अस्पताल तक बहुमंजिला बन चुके हैं। लेकिन उनमें से अधिकतर में फायर से सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र में ही दो साल में मात्र 177 इमारतों में फायर एनओसी जाी की गई व उनका नवीनीकरण किया गया। जबकि फायर के सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने पर निगम के फायर अनुभाग द्वारा करीब एक हजार से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं।

सबसे अधिक नोटिस हॉस्टल संचालकों को: नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र में सबसे अधिक बहुमंजिला इमारतों में हॉस्टल संचालित हो रहे हैं। निगम के फायर अनुभाग द्वारा जारी किए गए नोटिसों में से सबसे अधिक नोटिस हॉस्टल संचालकों को दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार हालत यह है कि हॉस्टल संचालक हो या कोचिंग संस्थान संचालक निगम के नोटिसों में से मात्र 5 फीसदी ने भी निगम में जवाब तक पेश नहीं किया है।

177 को जारी की फायर एनओसी: नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा बोर्ड का गठन होने के बाद दो साल में मात्र 177 फायर एनओसी जारी की गई है। जिनमें पूर्व में जारी फायर एनओसी का नवीनीकरण भी शामिल है।

नियमों की नहीं हो रही पालना: फायर एनओसी के लिए नियमों की पालना नहीं की जा रही है। जिसमें पर्याप्त जगह का होना, सैट बैक होना, प्रवेश व निकास की अलग-अलग व्यवस्था होना, पार्किंग की सुविधा होना अरुर आपात काल में बाहर निकलने की व्यवस्था होना समेत कई मापदंड हैं। जिनकी बहुमंजिला इमारतों में पालना तक नहीं हो रही है। नगर निगम का फायर अनुभाग भी कहीं बड़ा हादसा होने के बाद ही हरकत में आता है।

इस तरह की हैं कमियां: निगम सूत्रों के अनुसार अधिकतर बहुमंजिला इमारतों में प्रवेश व निकास का एक ही रास्ता है। दोनों के लिए अलग-अलग रास्ता नहीं होने से आपातकाल में लोगों को निकलने का रास्ता तक नहीं है। हॉस्टलों में न तो सैट बैक छोड़ा हुआ है और न ही खुली जगह। यहां तक कि ट्रेन के डिब्बों की तरह से गैलेरी नुमा हॉस्टलों में छोट-छोटे कमरे बने हुए हैं। एसी कक्ष होने से उनमें वेंटीलेटर तक की सुविधा नहीं है।

इनका कहना है: नगर निगम के फायर अनुभाग द्वारा करीब एक हजार बहुमंजिला इमारतों के संचालकों को नोटिस दिए गए हैं। जिनमें सबसे अधिक हॉसटल हैं। अभी तक दिए गए नोटिसों में से मात्र 5 फीसदी ने भी नोटिसों का जवाब नहीं दिया है। साथ ही फायर से सुरक्षा के इंतजाम भी अधिकतर में नहीं है। निगम ने दो साल में बहुत कम इमारतों को फायर एनओसी जारी की है। अब फायर अनुभाग द्वारा इसी माह नोटिस दिए गए इमारतों पर सख्ती की जाएगी।

- दीपक राजौरा, सीएफओ, नगर निगम कोटा दक्षिण

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