उत्तर निगम में नदी पार व पटरी पार समेत तीन फायर स्टेशनों की आवश्यकता
कोटा: शहर के विकास व विस्तार के साथ ही आग जनित दुर्घटनाओं पर समय रहते काबू पाने के लिए कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में नदी पार व पटरी पार समत तीन फायर स्टेशनों की आवश्यकता है। वर्तमान में यहां मात्र एक ही फायर स्टेशन है। जबकि कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में तीन फायर स्टेशन हैं। शहर का विकास व विस्तार चारों दिशाओं में हो रहा है। पहले जहां कोटा शहर बहुत सीमित दायरे में था लेकिन अब यह दायरा बढ़कर चारों तरफ फेल गया है। कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में बारां रोड पर नया नोहरा के आगे तक, नदी पार बूंदी रोड पर बड़गांव के आगे तक, नांता व शम्भूपुरा तक, पटरी रेलवे कॉलोनी और सोगरिया व भदाना तक।
डीसीएम रोड पर डाढ़ देवी तक। लगातार विस्तार होता ही जा रहा है। इसी तरह से कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में भी नई-नई कॉलोनियां बनने से श्रीनाथपुरम्, आर.के. पुरम., राजीव गांधी नगर और झालावाड़ रोड पर रानपुर के आगे तक, रावतभाटा रोड पर गेपरनाथ तक विकास हो गया है। ऐसे में दूर दराज के क्षेत्रों में आग जनित दुर्घटनाएं होने पर नगर निगम समेत अन्य विभागों की दमकलें पहुंच तो रही हैं लेकिन फायर स्टेशनों की दूरी अधिक होने से वे समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। जिससे आग लगने के बाद होने वाले नुकसान को कम नहीं किया जा रहा। ऐसे में कोटा में नए फायर स्टेशनों की आवश्यकता महसूस की जाने लगी है। नगर निगम के पिछले बोर्ड ने कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण समेत 5 नए फायर स्टेशन बनाने का प्रस्ताव बोर्ड में पारित कराया था। उनमें से मात्र एक ही नया फायर स्टेशन बन सका है।
फायर उपकरण व संसाधनों की भरमार: नगर निगम के फायर अनुभाग में आग बुझाने के उपकण व संसाधनों की तो भरमार है। यहां दोनों निगमों में छोटी-बड़ी करीब डेढ़-डेढ़ दर्जन दमकलें हैं। फायर टैंडर और दो बड़ी हाईड्रोलिक लेडर दमकलें तक हैं। हालत यह है कि संसाधन इतने अधिक हो गए हैं कि उन्हें रखने की जगह ही नहीं हैं। अधिकतर वाहन खुले में ही हैं। फायरमेन भी पर्याप्त हैं। जरूरत है तो सिर्फ फायर स्टेशनों की।
यहां भी है फायर स्टेशन की दरकार: कोटा दक्षिण में जहां 80 वार्डों में तीन फायर स्टेशन हैं तो कोटा उत्तर निगम क्षेत्र के 70 वार्डों में मात्र एक ही फायर स्टेशन है। जबकि पिछले भाजपा बोर्ड में कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में नदी पार कुन्हाड़ी क्षेत्र,पटरी पार रेलवे कॉलोनी क्षेत्र और बारां रोड पर नया नोहरा क्षेत्र में फायर स्टेशन बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। बोर्ड के अंतिम बजट में यह प्रस्ताव पारित तो हो गया लेकिन बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने से यह प्रस्ताव अधूरा ही रह गया। जबकि वर्तमन बोर्ड का कार्यकाल भी दो साल का पूरा हो चुका है।
दक्षिण में तीन व उत्तर में मात्र एक फायर स्टेशन: नगर निगम कोटा में पहले मात्र तीन ही फायर स्टेशन थे। दो निगम बनने के बाद एक फायर स्टेशन सब्जीमंडी वाला तो कोटा उत्तर निगम में रह गया। जबकि श्रीनाथपुरम् व भामाशाह मंडी के फायर स्टेशन कोटा दक्षिण के खाते में रहे। लेकिन पिछले साल कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में रीको औद्योगिक क्षेत्र रानपुर में एक नया फायर स्टेशन बनकर तैयार हो गया है। इस फायर स्टेशन का निर्माण रीको ने कराया है लेकिन संचालन नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा किया जा रहा है। जबकि कोटा उत्तर निगम का क्षेत्र बढ़ने के बाद भी यहां मात्र एक ही फायर स्टेशन है। वह भी पुराना होने से उसका भवन जर्जर हो गया है। सूत्रों के अनुसार इस फायर स्टेशन का भवन भी टूटने वाला है। नया फायर स्टेशन उसके पास ही कोटा उत्तर निगम के प्रस्तावित नए भवन में ही बनाया जाएगा।
तीन फायर स्टेशनों के प्रस्ताव, जगह की तलाश: नगर निगम कोटा दक्षिण के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास का कहना है कि कोटा उत्तर निगम का क्षेत्र काफी बड़ा हो गया है। यहां सबसे अधिक फायर स्टेशन की जरूरत स्टेशन क्षेत्र, कुन्हाड़ी क्षेत्र व बारां रोड क्षेत्र में है। यहां आवासय व व्यवसायिक इमारतों का निर्माण होने के साथ ही नई-नई कॉलोनियां बनने से लाखों लोग रहने लगे हैं। ऐसे में इन जगहों पर आग जनित दुर्घटना होने पर दमकलों के पहुंचने का रेस्पोंस समय अधिक लग रहा है। जिससे आग से होने वाले नुकसान को कम नहीं किया जा सकता। वैसे आग लगने पर सभी जगह की दमकलें मौके पर पहुंच जाती हैं। कोटा उत्तर निगम में तीन नए फायर स्टेशनों का प्रस्ताव है। निगम प्रशासन द्वारा उनके लिए जगह की तलाश की जा रही है। हालांकि गत दिनों हुई कोटा दक्षिण निगम क आपदा राहत व प्रबंधन समिति की बैठक में दक्षिण निगम क्षेत्र में सीएडी चौराहे के पास अम्बेडकर भवन या दशहरा मैदान में दो दमकलों को रखने का निणय किया गया है।