क्षेत्र में नई नालियों के निर्माण और पुरानी को मरम्मत की दरकार
कोटा: जब किसी वार्ड के पार्षद ही ये कह रहे हो कि उनके वार्ड में निगम की ओर से आज तक कोई विकास कार्य हुआ ही नहीं है तो इस बात का अनुमान सहजता के साथ लगाया जा सकता है कि वार्डवासी अब तक किस-किस पीड़ा को झेल रहे होंगे। कारण उसका ये है कि वार्ड पार्षद क्षेत्र की जिन बड़ी समस्याओं का निराकरण करवाना चाह रहे है उनका समाधान नहीं हो रहा हैं। बात है यहां कोटा नगर निगम के वार्ड 74 की। जहां विकास कार्याें के नाम पर बीते लगभग तीन सालों में आज तक सिर्फ एक सीसी रोड बनाई गई है और वो निगम या यूआईटी की ओर से नहीं बल्कि सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से। नगर निगम कोटा दक्षिण के वार्ड में दादाबाड़ी, सम्पूर्ण जवाहर नगर, डिस्ट्रिक सेन्टर तथा तलवंडी सेक्टर-सी का आशिंक हिस्सा आदि इलाकें आते हैं। इनमें से अधिकांश इलाके पॉश मान जाते हैं और इनमें कोचिंग संस्थानों के कई विद्यार्थी रहते हैं, अध्ययन करते हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में सीसीटीवी और सुरक्षा द्वार लगाने की विशेष आवश्यकता है साथ ही विद्यार्थियों के घूमने और मनोरंजन आदि के लिए पार्क की भी जरूरत। ये सभी विकास के कार्य यहां के वार्ड पार्षद ने करवाने चाहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या नाले की है जो हर साल बारिश के दौरान यहां के लोगों के लिए परेशानी का एक कारण बनता है। वार्ड की कई गलियों की नालियां टूटी हुई हैं, जब भी इनकी सफाई नहीं होती पानी घरों के बाहर फैल जाता है और कीचड़ घरों में जाता है। कुछ गलियों में सड़कें उधड़ी हुई है, ऊचें-ऊचें स्पीड ब्रेकर बने हुए है। जो कई बार दुर्घटना कारण बनते हैं।
साफ सफाई जरूर वार्ड में नियमित होती है लेकिन कई स्थानों को लोगों ने स्वेच्छा से कचरा पात्र बना दिया है। वार्ड के कुछ लोगों का कहना है कि पार्षद की तो ना निगम में मानते हैं ना यूआईटी में। कई बार वो खुद संबंधितों को क्षेत्र में नालियों के निर्माण और ठीक करवाने के लिए कह चुके हैं लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। हर गली में श्वान और कई बार सड़कों पर आवारा मवेशियों का डेरा लगा रहता है। क्षेत्र की गलियों में असमाजिक तत्व घूमते रहते हैं। कोचिंग का क्षेत्र है तो सुरक्षा भी वैसी ही होनी चाहिए लेकिन कोई भी घटना के बाद ही प्रशासन और संबंधित महकमा जागता है। वार्ड पार्षद सुदर्शन गौतम बताते है कि अन्य पार्षदों की भांति उन्हें भी उनके वार्ड के विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गए लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। मार्च 2022 में वर्क आर्डर जारी हुए, कार्यों को पूरा करने का समय नवम्बर 2022 था लेकिन अभी तक तो वार्ड में विकास कार्यों के नाम पर कुछ हुआ ही नहीं है। वे खुद यूडीएच मंत्री को वार्ड में सीसीटीवी, सुरक्षा द्वार और पार्क के लिए लिखित में अवगत करवा चुके हैं लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। मैनें वार्ड में नालियों की मरम्मत और निर्माण के लिए अलग से बजट देने को कहा वो भी स्वीकृत नहीं हुआ।
इनका कहना: सफाई के लिए वार्ड में लेबर भी कम दे रखी हैं लेकिन फिर भी जैसे-तैसे सफाई व्यवस्था को बनाये रखें हुए है। वार्ड के कई इलाकों के सीसीटीवी और सुरक्षा द्वार की अति आवश्कता है। पिछले कार्यकाल में मैने खुद ने ही वार्ड के कई गली मौहल्लों में दो करोड़ से अधिक राशि के सीसी सड़क बनवा दी थी। क्षेत्र मे पार्क के लिए जो जगह दी जा सकती है उस पर असामाजिक तत्व डेरा जमाये रहते हैं।
-सुदर्शन गौतम, वार्ड पार्षद।
निगम में पार्षद की सुनते ही नहीं, क्या पता कैसी ट्यूनिंग है। कई इलाकें कचरा प्वाइंट बने हुए हंै। सबसे ज्यादा तो खराब हालात तो गलियों और मौहल्लों की है जहां साइडों की नालियां जाम रहती हैं, कई बार पानी बाहर निकल जाता है। हर गली में आवारा पशु और श्वान नजर आ जाएंगे। रोड और नालियों को लेकर निगम और यूआईटी में शिकायतें दर्ज करवा चुके हैं लेकिन सुनवाई ही नहीं होती।
-सतीश मालव, वार्डवासी।
सीवरेज के लिए जो गड्ढे खोदे गए थे उनका मरम्मत कार्य गुणवत्ता का नहीं हुआ। इसका परिणाम ये हुआ है कि जरा सी बारिश के बाद इन गड्Þढों से ही उल्टा पानी बाहर आने लगता है। क्षेत्र में सीसीटीवी की बहुत जरूरत है। दिन में ही चोरियां होती रहती है। वार्ड की अधिकांश नालियां भरी रहती है। वार्ड पार्षद ने पिछले कार्यकाल में जो सीसी सड़कें बनाई थी उनको एक साल के बाद ही वापस खोद दिया गया।
-लोकेन्द्र मीणा, वार्डवासी।