राजस्थान

राष्ट्रीय नाट्य लेखन-निर्देशन कार्यशालाः नाटक केवल मंच ही नहीं एक साहित्यिक कृति भी है-आचार्य

Ashwandewangan
27 May 2023 6:07 PM GMT
राष्ट्रीय नाट्य लेखन-निर्देशन कार्यशालाः नाटक केवल मंच ही नहीं एक साहित्यिक कृति भी है-आचार्य
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जोधपुर। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर के तत्वाधान में लोक कला मण्डल के सहयोग से राष्ट्रीय लेखक निर्देशक की तीन दिवसीय कार्यशाला 26 मई को शुरू हुई। कार्यशाला में देश के जाने माने नाट्य विशेषज्ञ, निर्देशक और लेखकों ने इसमें भाग लिया है।

राजस्थान मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं राज्यमंत्री रमेश बोराणा ने कार्यशाला के उद्देश्य पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि यह कार्यशाला अपने आप में इसलिए अनूठी कार्यशाला है क्योंकि इसमें नाटककार, निर्देशक और समीक्षक एक साथ नाटक के विभिन्न पक्षों पर चर्चा करेंगे।

अकादमी की नाट्य पाण्डुलिपि प्रतियोगिता के पुरस्कृत नाटकों के लेखकों को आवश्यक सुझाव भी देंगे। कार्यशाला की परिकल्पना को अमलीजामा पहनाने के लिए अकादमी की अध्यक्ष बिनाका मालू का आभार जताया। अकादमी अध्यक्ष बिनाका मालू ने स्वागत भाषण में कार्यशाला के महत्व को रेखांकित किया।

उदघाटन सत्र में नंद किशोर आचार्य ने कहाकि नाटक केवल मंच ही नहीं एक साहित्यिक कृति भी है। यह हमें नहीं भूलना चाहिए कि नाटक लिखने के पीछे क्या पाने या देने की मंशा है? प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक एवं नाट्य चिंतक भानु भारती ने अपने बीज वक्तव्य में कहा कि नाट्य आलेख सघन नाटकीय अनुभव की सृजनात्मक अभिव्यक्ति है। उन्होंने लेखक और निर्देशक के अन्तः सबन्धों को भी रेखांकित करते हुए कहाकि नाटक कई कलाओं का अंतरगुंफन है। इस सामाजिक अनुष्ठान में परस्परता है, स्पर्धा नहीं। सत्र संचालन लाईक हुसैन ने किया।

दूसरे सत्र में नाट्य शास्त्र और पश्चिमी नाटक के संदर्भ में निर्देशक की परिकल्पना व भूमिका पर मुंबई के लेखक एवं निर्देशक बृज मोहन व्यास ने विचार व्यक्त किए। नाट्य लेखन और निर्देशक के सबंध पर लाईक हुसैन ने अगले सत्र में अपने विचार रखे। सत्र का संचालन नाट्य निर्देशक अभिषेक मुद्गल ने किया।

अंतिम सत्र में नाट्य समीक्षक राघवेंद्र रावत ने नाटक और सामाजिक सरोकार विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। भानु भारती ने निर्देशक की दृष्टि और नाट्य आलेख पर कहा कि अगर नाटक की क्राफ्ट पता नहीं है तो सही आमद नहीं होती। उन्होने कहा कि नाटक में कुछ भी अनायास नहीं होता।

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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

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