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बून्दी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा गांव मोहनपुरा तहसील इन्द्रगढ़ में सरसों की फसल (किस्म-पूसा मस्टर्ड-32) के कलस्टर प्रथम पंक्ति प्रदर्शन लगाए गए। प्रदर्शनों में सरसों की किस्म पूसा मस्टर्ड-32 को एकीकृत फसल प्रबन्धन विधि के द्वारा कृषकों के खेत पर होने वाली पैदावार के परिणामों एवं किसानों के स्वयं के अनुभवों को गांव के अन्य कृषकों को जानकारी देने के लिए सरसों प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन शुक्रवार को किया गया। जिसमें गाँव के 30 प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने बताया कि केन्द्र की उद्यान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी (प्रदर्शन) इंदिरा यादव ने एकीकृत फसल उत्पादन विधियों एवं समन्वित कीट रोग प्रबन्धन तकनीकों को अपनाकर कृषक सरसों की अधिकतम पैदावार लेते हुए अपनी आय को बढ़ा सकते हैं एवं उत्पादित सरसों को आगामी बुवाई के लिए बीज के रुप में रखकर काम में लिया जा सकता है एवं अन्य किसानों को बुवाई के लिए विक्रय भी किया जा सकता है। जिससे किसान इस किस्म का गांव के स्तर पर ही खरीदकर प्रयोग कर सकते है। साथ ही कृषकों को सरसों की उन्नत शस्य वैज्ञानिक विधियों की जानकारी दी और बताया कि सरसों की किस्म पूसा मस्टर्ड -32 एक बायोफाॅर्टीफाइड किस्म हैं। इसका तेल मनुष्य के खाने के लिए सर्वोत्तम है। जिसमें इरुकिक अम्ल की मात्रा 2.0 प्रतिशत से कम होती है।
उन्होने बताया कि प्रक्षेत्र दिवस पर आए किसानों ने सरसों किस्म पूसा मस्टर्ड-32 से अच्छे उत्पादन होने की संभावना व्यक्त की। इस दौरान वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता दीपक कुमार ने सहयोग प्रदान किया।
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Tara Tandi
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