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जयपुर : जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 ने अवैध संबंधों के चलते युवक कीहत्या (Murder) करने वाले अभियुक्त पति अजयराम और उसकी पत्नी मनीता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर कुल एक लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं प्रकरण में अभियुक्तों की नाबालिग बेटी के खिलाफ बाल न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया था.
अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि नांगल जैसा बोहरा निवासी धर्मेन्द्र सिंह ने अपने प्लॉट में दस कोटडिया बना रखी है ओर वह उन्हें किराए पर चलाता है. इसमें से एक कोटडी में अजयराम अपनी पत्नी मनीता व पांच बच्चों सहित रहता था. इस कोटडी में उनके साथ विकास भी रहता था. तीस जून 2018 को अजय उसकी पत्नी और विकास के बीच झगडा हो रहा था. धर्मेंद्र सिंह के समझाने पर विकास वहां से चला गया. वहीं अगले दिन पास के खाली प्लॉट में विकास की नग्न अवस्था में लाश बोरे में बंद मिली. जिसकी सिर काटकरहत्या (Murder) की गई थी और पांव में किले ढोकी हुई थी. पडौसी की रिपोर्ट पर पुलिस (Police) ने मामला दर्ज कर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. पुलिस (Police) जांच में सामने आया कि अभियुक्त ही विकास को बिहार (Bihar) से यहां मजदूरी के लिए लाए थे और वह अभियुक्तों के साथ एक ही कोटडी में रहता था. अभियुक्त मनीता और मृतक विकास के बीच अवैध संबंध स्थापित हो गए थे. विकास खुले में भी मनीता के साथ ही सो जाता था. जिसके चलते अजयराम परेशान रहता था. दोनों के अवैध संबंधों की जानकारी अजयराम को होने के कारण ही उसकीहत्या (Murder) की गई. वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि प्रकरण में कोई भी प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं है और पुलिस (Police) ने घटना की एक मात्र वजह अवैध संबंधों की जानकारी अजयराम को होना बताया है, लेकिन पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह साबित हो की अभियुक्तों ने विकास कीहत्या (Murder) की हो. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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