राजस्थान

नगर निगम फुटपाथ पर रहने वाले भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों का करेगा पुनर्वास

Admin Delhi 1
19 Nov 2022 12:54 PM GMT
नगर निगम फुटपाथ पर रहने वाले भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों का करेगा पुनर्वास
x

कोटा न्यूज़: कोटा शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के लिएॉ सरकार की ओर से उनके पुनर्वास करने की योजना बनाई गई है। जिसे नगर निगम साकार करेगा। निगम की ओर से ऐसे लोगों को रहने व खाने की सुविधा प्रदान की जाएग़ी। इस संबंध में दैनिक नवज्योति ने सुझाव दिया था। जिसे सरकार ने स्वीकार करते हुए यह आदेश जारी किया है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के साथ ही कोटा को भी भिक्षावृत्ति से मुक्त किया जाना है। इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी किया है। उस आदेश के तहत शहर में भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को इससे मुक्त करवाया जाएगा। उसके बाद उन्हें रहने और खाने की सुविधा नगर निगम के माध्यम से की जाएगी। नगर निगम द्वारा ऐसे लोगों के रहने के लिए आश्रय स्थलों में व्यवस्था की जाएगी। वहीं उनके लिए इंदिरा रसोई के माध्यम से खाने की भी सुविधा की जाएगी।

शहर में हर जगह नजर आते हैं भिक्षा मांगते हुए: शहर में भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों की संख्या काफी अधिक है। पहले ये चौराहों पर नजर आते थे। लेकिन अब अधिकतर इस तरह के लोग मंदिरों में और फुटपाथों पर नजर आने लगे हैं। दिन के हिसाब से ये अलग-अलग मंदिरों में बैठे नजर आ जाएंगे। सोमवार को शिव मंदिर, मंगलवार को हनुमान मंदिर, बुधवार को गणेशजी मंदिर, गुरुवार को सांई बाबा मंदिर, शनिवार को शनिा मंदिर व हनुमान मंदिरों के बाहर ऐसे लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके अलावा तालाब किनारे और फुटपाथों पर भी ऐसे लोगों को रात के समय सोते हुए देखा जा सकता है।

नाबालिगों को ही कराया जा रहा था मुक्त: इस अभियान से पहले अभी तक सिर्फ नाबालिगों को भी भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया जा रहा था। मानव तस्करी विरोधी यूनिट द्वारा शहर में भिक्षावृत्ति में लिप्त नाबालिगों को इससे मुक्त करवाकर बाल कल्याण समिति के आदेश से विभिन्न शेल्टर होम में भेजा जा रहा है। लेकिन पहली बार महिला-पुरुषों को भी इससे मुक्त करवाया जाएगा। साथ ही उनका पुनर्वास कर रहने व खाने की भी सुविधा की जाएग़ी।

आयुक्त ने बैठक लेकर दिए अधिकारियों को निर्देश: नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त वासुदेव मालावत ने इस संबंध में गत दिनों निगम के अधिकारियों की बैठक लीे थी। जिसमें भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाए गए लोगों के रहने व खाने की व्यवस्था करने के अधिकारियों को निर्देश दिए थे। ऐसे लोगों के लिए सर्दी में बनने वाले अस्थायी रैन बसेरों के साथ अलग से रैन बसेरे बनाए जाएंगे। आयुक्त ने रैन बसेरों के लिए राजस्व अधिकारी नरेश राठौर को प्रभारी भी नियुक्त कर दिया है। रैन बसेरे बनाने की व्यवस्था की जा रही है।

नवज्योति ने दिया था पुनर्वास का सुझाव: कोटा शहर में फुटपाथ पर रहने वाले भिक्षावृत्ति में लिप्त लोग, घुमंतु जाति के लोग व खाना बदोश लोगों का पुनर्वास करने का सुझाव दैनिक नवज्योति ने दिया था। समाचार पत्र में 20 मई 2022 को समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें कहा था कि कोटा शहर से यदि दो बाधाएं हट जाए तो अपने शहर में न्यूयार्क की छवि नजर आएगी। उन दो बाधाओं में एक बाधा फुटपाथ पर गुजारा करने वालों के पुनर्वास की थी। समाचार पत्र के सुझाव को अमल में लाते हुए सरकार ने उस पर निर्णय किया और भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों के पुनर्वास की योजना बनाई।

40 से अधिक लोग चिन्हित: कोटा को भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाने के लिए ऐसे लोगों को चिन्हित करने का काम किया जाना है। यह काम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से किया जाना है। हालांकि विभाग द्वारा अभी तक करीब 40 लोगों को चिन्हित किया है। जिनका पुनर्वास किया जाना है।

कोटा शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने का अभियान चलेगा। जिसमें ऐसे लोगों का पुनर्वास किया जाना है। समाज कल्याण विभाग द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाना है। जिनके रहने और खाने की व्यवस्था नगर निगम को करनी है। इसके लिए रैन बसेरे बनाने की प्रक्रिया चल रही है। अधिकतर लोग रहने की जगह व खाने की व्यवस्था नहीं होने से ही भीख मांगते हैं। जब ये दोनों व्यवस्थाएं हो जाएंगी तो इसमें कमी आएगी।

- वासुदेव मालावत, आयुक्त, नगर निगम कोटा उत्तर

इस अभियान के लिए फुटपाथ पर रहने वाले भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को चिन्हित किया जाना है। अभी तक करीब 40 लोगों को चिन्हित किया गया है। जिनके पुनर्वास की व्यवस्था की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे लोगों की संख्या बढ़ भी सकती है।

- ओम प्रकाश तोषनीवाल, उप अधीक्षक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

Next Story