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अलवर। अलवर हर साल सावन मास की पूर्णिमा को रक्षा बंधन मनाया जाता है। इस बार सावन मास में दो पूर्णिमा 30 व 31 अगस्त को है लेकिन रक्षाबंधन का पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा। राखी बांधने का मुहूर्त रात 9.03 से रात 12.28 बजे तक है। इस दिन राज योग का संयोग भी बन रहा है। पं.यज्ञदत्त शर्मा ने बताया कि बंशीधर पंचांग के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10.59 से 31 अगस्त को सुबह 7.06 बजे तक पूर्णिमा तिथि है।
इस दिन सुबह 10.59 से रात 8.47 बजे तक राज योग भी है। इस दिन पूर्णिमा तिथि होने के साथ ही सुबह 10.59 से रात 9.02 बजे तक भद्रा है। उन्होंने बताया कि शुभ कार्य के लिए सूर्योदय की तिथी मान्य होती है, लेकिन बंशीधर पंचांग के अनुसार 31 अगस्त को पूर्णिमा त्रिमुहूर्त व्यापिनी (6 घटी) भी नहीं है।
इस कारण 30 अगस्त को भद्रा के बाद रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाना श्रेष्ठ है। सूर्य की बेटी है भद्रा : पुराणों के अनुसार भद्रा सूर्य की बेटी और शनि की बहन भद्रा है। भद्रा का स्वभाव उग्र है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार भद्रा का तीन लोकों में निवास होता है। जब चंद्रमा, मेष, वृष, मिथुन या वृश्चिक राशि में होता है तो भद्रा का निवास स्वर्ग लोक में माना गया है। जब चंद्रमा कन्या, तुला, धनु और मकर राशि में होता है तो भद्रा का निवास पाताल लोक में माना गया है। जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में होता है तब भद्रा का निवास मृत्यु लोक में माना गया है। भद्रा जब मृत्यु लोक में होती है शुभ कार्यों का नाश करने वाली मानी गई है। जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में हो तो शुभ कार्य हो सकते हैं।
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