जोधपुर न्यूज: एमडीएमएच में भर्ती अति गंभीर रोगी जिनको एमआरआई की जरूरत है उनकी जांच का भुगतान एमडीएमएच प्रशासन वहन कर रहा है। वहीं दूसरे मरीजों के लिए प्रशासन मशीन सही होने तक विकल्प ही तलाश रहा है। हाल यह है कि अकेले आर्थोपेडिक विभाग में भर्ती मरीजों की सप्ताह में 25 एमआरआई जांच होती है। 10-15 मरीजों की प्रतिदिन ओपीडी में डॉक्टर एमआरआई लिखते हैं। इसके अलावा दूसरे विभाग और दुर्घटना में घायल आने वाले मरीजों की एमआरआई होती है। ऐसे में ये सभी मरीज निशुल्क जांच की व्यवस्था के बावजूद भी महंगी दर पर बाहर से जांच कराने को मजबूर है।
इधर एमडीएमएच अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित से बात की तो उन्होंने बताया कि अति गंभीर मरीज जिनकी जिंदगी मौत का सवाल है उन मरीजों की एमआरआई हम अस्पताल स्तर पर करा रहे हैं। बाकी मरीजों के लिए भी हम प्रयास कर रहे हैं। निजी एमआरआई सेंटर से बात कर रहे हैं कि इस आपदा में वह अस्पताल दर पर मरीजों की जांच कर दें। जिससे मरीजों को निशुल्क जांच सुविधा मिलती रहे। कुछ मरीजों की हम सीटी स्कैन भी करा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर एमडीएमएच स्थित पीपीपी मोड पर संचालित एमआरआई सेंटर पर जिन मरीजों की डेट है, उनको फोन करके मना कर रहे हैं। नए मरीजों को आगे की डेट दे रहे हैं। वहीं दूसरे मरीज जो पैसे देकर जांच कराते हैं, उनकी डेट होने पर यदि वह बाहर से जांच कराना चाहते हैं तो उनको पैसा रिफंड कर रहे हैं।