राजस्थान

मंत्री विश्वेंद्र सिंह से वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित, ईआरसीपी को लेकर सांसद किरोड़ी लाल मीणा का जयपुर कूच

Gulabi Jagat
9 Aug 2022 2:22 PM GMT
मंत्री विश्वेंद्र सिंह से वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित, ईआरसीपी को लेकर सांसद किरोड़ी लाल मीणा का जयपुर कूच
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राजस्थान की बड़ी खबर
राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी के मुद्दे पर दौसा के नांगल प्यारी वास जल क्रांति यात्रा की शुरुआत हो गई है। राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में हजारों लोगों ने दौसा से जयपुर की तरफ कूच किया है। सांसद मीणा के साथ उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी सहित कई नेताओं का जयपुर कूच कर सीएम निवास का घेराव करने का कार्यक्रम है। हालाँकि मंत्री विश्वेन्द्र सिंह से वार्ता के सांसद किरोड़ी लाल ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की है। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएंगे जिसमे दो सदस्य बीजेपी के शामिल होंगे और 7 दिनों में कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजेंगी।
इससे पहले दौसा में आज एक विशाल सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान डॉ किरोड़ी मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा महज 10 हजार करोड़ रुपए देना ऊंट के मुंह में जीरा है। 12 जिलों के लोगों का नारा है जल क्रांति करनी है। चप्पे-चप्पे पर ईआरसीपी का पानी लाना है। इस दौरान उन्होंने कहा कि या तो हमे चंबल का पानी छोड़ों या फिर गद्दी छोड़ों। राज्य सरकार के पास पैसे नहीं है, खजाना खाली ह। . खजाना मोदी के पास भरा पड़ा है। इस दौरान उन्होंने लोगों को ईआरसीपी योजना के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान किरोड़ी मीणा ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ से मेरा रिश्ता एक आत्मा दो शरीर वाला है।
सांसद किरोडी लाल मीणा की ओर से जलक्रांति कार्यक्रम के माध्यम से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा तकनीकी खामियों को दूर करने की मांग की जा रही है। अब सांसद किरोड़ी मीणा का कहना है कि राज्य सरकार इस परियोजना के लिए मध्यप्रदेश सरकार से एनओसी लाए। साथ ही 75 प्रतिशत जल निर्भरता का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार के पास भेजें। इसके अलावा दौसा सहित विभिन्न जिलों के छूटे हुए बांधों को भी इसमें जोड़ा जाए। इन सभी बिंदुओं को पूरा करके प्रस्ताव केंद्र सरकार तक भिजवाया जाए, ताकि इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कार्रवाई जा सके।
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