राजस्थान

सांडों के लिए मशहूर मेले में सबसे ज्यादा ऊंट पहुंचे, 20 से 50 हजार तक खरीददारी

Shantanu Roy
11 Feb 2023 11:37 AM GMT
सांडों के लिए मशहूर मेले में सबसे ज्यादा ऊंट पहुंचे, 20 से 50 हजार तक खरीददारी
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करौली। करौली जिला मुख्यालय स्थित पशु मेला मैदान में आयोजित शिवरात्रि पशु मेला परवन को है। वैसे तो रियासत का मेला बैलों की वजह से मशहूर था, लेकिन इस बार बैलों की जगह ऊंट बिक्री के लिए पहुंचे हैं. पशु मेले में राज्य पशु ऊंटों की सर्वाधिक आवक कोटा, बूंदी, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर सहित पूरे करौली जिले से प्राप्त हुई है. मेले में गुरुवार तक 433 ऊंटों समेत कुल 454 मवेशी पहुंचे। पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित पशु मेले में ऊंट खरीदने के लिए जयपुर, करौली, दौसा, हरियाणा, मथुरा, नीमकाथाना सहित कई जगहों से बड़ी संख्या में व्यापारी पहुंचे हैं।
प्रदेश भर से पशुपालक अपने पशुओं को बेचने के लिए यहां पहुंचे हैं। पांच फरवरी से शुरू हुए पशु मेले में अब तक 52 ऊंट 20 से 50 हजार रुपए की दर से बिक चुके हैं। जिन पशुपालकों के ऊंट बिक चुके हैं, वे अब अपने लिए ऊंटों की तलाश कर रहे हैं। मेले की शुरुआत में पशुपालकों को अच्छी आमदनी हुई है। मेला प्रभारी एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गंगा सहाय मीणा ने बताया कि मेले में बैलों के आने की संभावना है. पशुपालकों के साथ अब तक 433 ऊंट, 16 बकरियां और 5 भैंस खरीद-बिक्री के लिए आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि मेले का समापन 13 फरवरी को होगा। पशु मेले में बाहर से आने वाले पशुपालकों एवं व्यापारियों को भोजन की सुविधा के लिये राज्य सरकार द्वारा संचालित इंदिरा रसोई योजना मेला स्थल पर प्रारंभ की गयी है. जहां पशुपालकों को आठ रुपए में भोजन मिल सकेगा।
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