नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में पिछले पांच सालों में गरीबी में कमी आई है। साल 2015-16 और साल 2019-21 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक प्रदेश में आठ लाख से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर हुए हैं।
उत्तराखंड में पांच साल में कम हुए गरीब
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की सोमवार को जारी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच सालों में उत्तराखंड में बहुआयामी गरीबी में आठ फीसदी कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 2011 की जनगणना की आबादी के हिसाब से 8,15,247 लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।
दर्ज की गई आठ प्रतिशत गिरावट
बते दें कि नीति आयोग ने दो नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के तुलनात्मक विश्लेषण के जरिए एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें ये खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में साल 2015-16 और साल 2019-21 के बीच बहुआयामी गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या 9.67 प्रतिशत हो गई है। जो कि पहले 17.67 प्रतिशत थी। इस तरह इसमें कुल आठ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
प्रदेश के गांवों में कम हुए गरीब
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की बहुआयामी गरीबी में 11.03 प्रतिशत की कमी आई है। उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में साल 2015-16 में 21.87 प्रतिशत गरीब थे। जो कि 2019-21 में घटकर 10.84 रह गए।
बता दें कि गांवों की तुलना में राज्य के शहरी क्षेत्रों में गरीबी कम है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015-16 और साल 2019 के बीच प्रदेश के शहरों में बहुआयामी गरीबी 9.89 प्रतिशत से गिरकर सात फीसदी रह गई है।
सबसे ज्यादा लोग अल्मोड़ा जिले में गरीबी रेखा से बाहर
प्रदेश में सबसे ज्यादा लोग अल्मोड़ा जिले के लोग गरीबी रेखा से बाहर हुए हैं। अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा 16.18 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से बाहर हुए हैं। इसी के साथ अल्मोड़ा प्रदेश में पहले स्थान पर है। जबकि प्रदेश में दूसरे स्थान पर उत्तरकाशी और तीसरे स्थान पर चंपावत है।
उत्तरकाशी में 14.74 प्रतिशत लोग, चंपावत में 12.82 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से बाहर हो गए हैं। जबकि 2.49 गिरावट के साथ चौथे पर बागेश्वर जिला रहा। इसके साथ ही पिथौरागढ़ में 7.48 प्रतिशत, देहरादून में 3.86 प्रतिशत, नैनीताल में 3.31 प्रतिशत और पौड़ी गढ़वाल जिले में 3.01 प्रतिशत गरीब कम हुए।
जबकि ऊधमसिंह नगर जिले में 11.72 प्रतिशत, रुद्रप्रयाग में 8.77 प्रतिशत, हरिद्वार में 8.41 प्रतिशत, टिहरी गढ़वाल में 11.60 प्रतिशत और चमोली में 9.96 प्रतिशत गरीब कम हुए हैं।