जनता से रिश्ता वेबडेस्क : निगम का कहना है कि 5 लाख रुपये सिक्योरिटी के और कम से कम 500 पोल के वार्षिक के हिसाब से 5 लाख अलग से जमा करवाने होंगे. जबकि कई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ऐसे हैं, जिनके पास इतना बड़ा नेटवर्क तक नहीं है. फिर भी उनसे जबरदस्ती निगम 10 लाख रुपये वसूलना चाहता है.जबकि डिजिटल इंडिया के तहत केंद्र सरकार ने नेटवर्किंग सेवाओं के लिए 2021 में ही तय किया था कि केबल डालने के लिए किसी भी संस्था को कंपनियों को 1000 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से एक मुश्त देना होगा. लेकिन इससे अलगत निगम अपनी अवैध वसूली करने में लगा हुआ है. जिसका आज केबल ऑपरेटर और इंटरनेट प्रोवाइडरों ने विरोध किया. कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. जिसमें उन्होंने कहा कि इस तरह अचानक की कार्रवाई से सेवाएं प्रभावित हुई हैं. इसलिए पहले सेवाओं को सुचारू किया जाए. इसके बाद दोनों पक्षों में बातचीत कर वाजिब किराया तय किया जाए.