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अलवर। राजस्थान के अलवर जिले में फूड पॉइजनिंग का मामला सामने आया है। विषाक्त भोजन से 150 से अधिक लोग बीमार हो गए। जिनको उपचार के लिए खेड़ली और कठूमर अस्पताल में भर्ती कराया गया। फूड पॉइजनिंग का मामला खेड़ली क्षेत्र के गारू गांव का है। जहां पर मंगलवार को हुई दावत के बाद फूड पॉइजनिंग से करीब 150 से अधिक लोग बीमार हो गए। जिन्हें खेड़ली और कठूमर राजकीय अस्पताल लाया गया। वहीं, चिकित्सा विभाग की एक टीम द्वारा गारू गांव में भी मरीजों को ट्रीटमेंट दिया गया। जहां उनका देर रात तक इलाज चलता रहा।
मामले को लेकर उपखंड अधिकारी लाखन सिंह गुर्जर और बीसीएमओ डॉ रवि राज भी मरीजों की देखभाल में लगे रहे। जानकारी के अनुसार गांव गारु में अमर चंद पुत्र किशन लाल सैनी के यहां मंगलवार को रामायण पाठ का समापन और कुआं पूजन का आयोजन हुआ था। जिसको लेकर उसने 700 से 800 लोगों को खाने की दावत दी। जिसके दौरान दावत में दाल बांटी चूरमा के अलावा दाल की चंदिया भी भोजन करने आए लोगों को परोसी गई थी। वहीं, भोजन करके घर पहुंचने के बाद शाम करीब 3 बजे कुछ लोगों के पेट दर्द व उल्टी की शिकायत होने लगी। जिन्हें गांव के ही पीएचसी पर दिखाया गया। लेकिन मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी। जहां करीब 35 से 40 लोगों का उपचार गांव में ही किया गया।
दवाइयों का स्टॉक खत्म होने पर रात करीब 8 बजे के बाद मरीजों को खेड़ली अस्पताल भेजा गया। जहां करीब 70 से 80 मरीजों का उपचार किया गया। कुछ मरीजों को कठूमर के सरकारी अस्पताल में भी उपचार के लिए भर्ती कराया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सा प्रभारी डॉ अंकित जेटली द्वारा स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आपातकालीन स्थिति में समस्त चिकित्सा स्टाफ बुलाकर मोर्चा संभाला और मरीजों को उपचार शुरू कर दवाइयों का वितरण किया गया और उनकी देखभाल की गई।
इस घटना में प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही उपखंड अधिकारी लाखन सिंह गुर्जर, तहसीलदार कठूमर राजेश मीणा, सीओ कठूमर अशोक चौहान, नायब तहसीलदार लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता सहित खेड़ली थानाधिकारी महावीर प्रसाद ने अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
वहीं, अस्पताल परिसर में अचानक से बड़ी मरीजों की संख्या के कारण एक ही बेड पर दो-दो लोगों का उपचार करना पड़ा। इधर, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ रविराज वर्मा ने गांव में भी टीम भेजने के निर्देश दिए। मामले में चिकित्सा प्रभारी डॉ अंकित जेटली ने बताया कि दावत में दाल, बाटी, चूरमा और उड़द दाल की चंदिया बनी थी। चूरमा में मावे का उपयोग किया गया था भीषण गर्मी के चलते चूरमे में मावा के खराब होने की आशंका दिख रही है। फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में है और मरीजों का उपचार किया गया है।
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