राजस्थान

मूलचंद लोढ़ा को मिला पद्म पुरस्कार, समाजसेवा में बनाया कीर्तिमान

Admin Delhi 1
19 Feb 2023 9:38 AM GMT
मूलचंद लोढ़ा को मिला पद्म पुरस्कार, समाजसेवा में बनाया कीर्तिमान
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जयपुर: विद्यार्थी जीवन से ही समाजसेवा का व्रत लेकर काम करने वाले मूलचन्द लोढ़ा को राष्टÑपति ने पदम पुरस्कारों की सूची में शामिल किया है। लोढ़ा का जन्म 15 मार्च 1948 को राजसमंद के आमेट में हुआ। मेधावी होने के साथ ही राष्टÑवाद, देशभक्ति, स्वावलम्बन के भाव को लेकर उन्होंने वर्ष 1968 से संघ के प्रचारक के रूप में डूंगरपुर से सार्वजनिक जीवन शुरू किया। 14 साल डूंगरपुर के जिला प्रचारक, 9 साल पाली जिला प्रचारक और बाद में सेवा भारती के संगठन मंत्री के रूप में पूरे प्रदेश में काम किया। उन्होंने अन्ना हजारे की कर्मस्थली जाकर उनके सेवा कार्यों का अध्ययन भी किया। लोढ़ा जीवन भर हिन्दू समाज को जगाने और उन्हें एकजुट करने के लिए प्रयासरत रहे। नवज्योति से खास बातचीत में लोढ़ा ने बताया कि वर्ष 2000 में संघ कार्य से मुक्त होकर 'जागरण जन सेवा मंडल' शुरू किया। शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में डूंगरपुर के वागदरी को अपने जीवन की नई प्रयोगशाला बनाकर समाजिक जीवन के अनेक प्रयोग किए। वागदरी में सरकार से 15 बीघा जमीन आवंटित कराकर आठवीं तक स्कूल, अस्पताल और गेस्ट हाउस बनाए। जैविक खेती के नए-नए प्रयोग किए।

आंखों के ऑपरेशन का बनाया रिकॉर्ड: आचार्य महाप्रज्ञ नेत्र चिकित्सालय वर्ष 2004 में शुरू किया गया, जिसमें वागड़ क्षेत्र के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर के सुदूर वनवासियों के 17 हजार आंखों के ऑपरेशन किए। डेढ़ लाख लोगों की आंखों की जांच और साढ़े तीन सौ कैम्प लगाए। आचार्य महाप्रज्ञ के नाम से नेत्र चिकित्सालय शुरू किया तो दानदाताओं ने एक करोड़ रुपए की सहायता की, जिसकी पाई-पाई का हिसाब सार्वजनिक किया।

आदिवासियों के लिए विद्यालय खोला: वर्ष 2005 में विद्यालय शुरू किया, जिसमें गरीब, आदिवासी और निराश्रित परिवारों के बच्चे एक से आठवीं तक की शिक्षा लेते हैं। लोढ़ा ने बताया कि विद्यालय में विद्या भारती का पाठ्यक्रम संचालित होता है। विद्यालय में बच्चों को देशभक्ति, राष्टÑवाद, स्वदेशी, स्वावलम्बन के संस्कार दिए जाते हैं।

निराश्रित बच्चों के लिए बनाया छात्रावास: लोढ़ा ने बताया कि वर्ष 2000 में महाराणा प्रताप जयंती पर पांच निराश्रित बच्चों के साथ छात्रावास की स्थापना की गई। उन्होंने बताया कि वे अपनी अंतिम सांस तक समाजसेवा के कार्यों में लगे रहेंगे।

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