राजस्थान

कोरोना इलाज के सिस्टम परखने को मॉक ड्रिल: अजमेर में ऑक्सीजन प्लांट नहीं चले, कोटा में एम्बुलेंस में फंसा स्ट्रेचर

Admin Delhi 1
28 Dec 2022 12:59 PM GMT
कोरोना इलाज के सिस्टम परखने को मॉक ड्रिल: अजमेर में ऑक्सीजन प्लांट नहीं चले, कोटा में एम्बुलेंस में फंसा स्ट्रेचर
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जयपुर: कोरोना के इलाज के प्रबन्धन सहित अन्य उपकरण और सेवाओं को जांचने के लिए मंगलवार को प्रदेशभर के अस्पतालों में मॉकड्रिल हुई। इस दौरान ओपीडी, आईपीडी की चिकित्सकीय व्यवस्थाओं, आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट्स एवं स्टोरेज टैंक, वेंटीलेटर्स एवं आॅक्सीजन कंसनटेटर्स की क्रियाशीलता, आईसीयू बैड्स की उपलब्धता, दवा वितरण केन्द्रों में दवा स्टॉक, डॉक्टरों की मौजूदगी, नर्सिंग स्टाफ की एक्टिव सेवाओं को बाकायदा डमी मरीज के जरिए परखा गया। इस दौरान अस्पतालों के प्रशासक भी मौजूद रहे।

जयपुर में जहां आरयूएचएस अस्पताल में मरीज के आने के चार मिनट में उसकी सामान्य जांच, सांस में दिक्कत आने पर आॅक्सीजन देकर उसे भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया। यहां जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित भी जायजा लेने गए। वहीं अजमेर में जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में आॅक्सीजन सप्लाई के प्लांट जैसे ही चलाए गए, नौ में से तीन प्लांट चले नहीं। दो भी झटके मार रहे थे। उनको भी सर्विस की जरूरत महसूस की गई। हालांकि वेंटीलेटर्स और वार्डों की स्थिति ठीक दिखी। कोटा में मरीज को एम्बुलेंस में अस्पताल लाया गया, इस दौरान यहां मरीज जिस स्ट्रेचर पर लेटा था, वह एम्बुलेंस में ही फंस गया। बाहर आया ही नहीं। बाद में दूसरा स्ट्रेक्चर मंगवाकर उस पर मरीज को लेटाकर बाहर लाया गया। यहां एम्बुलेंसकर्मी और ट्रोली कर्मियों ने पीपीई किट भी नहीं पहने थे। उदयपुर में आरएनटी मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में 7464 आॅक्सीजन सिलेंडर क्षमता है, लेकिन यहां एमबी अस्पताल में पांच आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट अभी इंस्टाल ही नहीं हुए हैं।

फिलहाल राहत ये- 27 जिले कोरोना फ्री, 1 ही मिला नया मरीज:

प्रदेश में मंगलवार को कोरोना का केवल एक रोगी उदयपुर में आया है। बाकी जयपुर समेत 32 जिलों में कोई केस नहीं है। एक ही मरीज रिकवर हुआ है। ऐसे में प्रदेश एक्टिव केस 83 ही बने हुए हैं। जयपुर में सर्वाधिक 70 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा जोधपुर, दौसा में 3, पाली, अलवर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर में 1-1 एक्टिव केस हैं। शेष 27 जिले वर्तमान में कोरोना फ्री है। पॉजिटिविटी रेट भी मात्र 0.01 फीसदी रही है।

मॉ कड्रिल के दौरान चिकित्सा से जुड़े सभी पहलूओं का गंभीरता से निरीक्षण किया गया है। कमी-खामी पर निर्देश दिए गए हैं। किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह सुदृढ़ है।

- डॉ. पृथ्वी, शासन सचिव, चिकित्सा विभाग

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