कोटा न्यूज दो महीने पहले कोटा पढ़ने आई एक छात्रा ने जेके लोन अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया। मामला सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी ने प्रसंज्ञान लिया और मामले में जानकारी ली। इसके बाद छात्रा और उसके परिवार की काउंसलिंग की। जिसके बाद नवजात को सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में दिया गया। बाल कल्याण समिति कोटा के रोस्टर सदस्य विमल चंद जैन ने बताया कि अस्पताल से छात्रा के बच्ची केा जन्म देने की जानकारी मिली थी।
जिसके बाद बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डॉ. अजीत शर्मा, संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा समेत टीम अस्पताल पहुंची। अस्पताल में परिजनों से बातचीत की गई और बच्ची को सरेंडर करने के लिए काउंसलर आरती जोशी ने समझाया। पहले तो छात्रा ने बच्ची को सौंपने से मना कर दिया। बालिका की स्थिति और परिवार वालों की हालत देखते हुए काउंसलिंग की गई। जिसके बाद परिवार के लोग नवजात को सरेंडर करने को तैयार हो गए।
जिस पर रोस्टर सदस्य विमल चंद ने कार्यवाही करते हुए बच्ची को राजकीय शिशु ग्रह नांता में अस्थाई आश्रय दिया गया। साथ ही बच्ची की राउंड ओ क्लॉक केयरटेकर लगाने के निर्देश दिए गए। इस दौरान पुलिस भी मौजूद रही। गौरतलब है कि नाबालिग बालिका दो महीने पहले ही पढ़ाई करने के लिए कोटा आई थी। तबीयत खराब होने पर दो दिन पहले जेके लोन अस्पताल लेकर गए थे, जहां उसने बच्ची को जन्म दिया।