कोटा न्यूज़: कोटा में साल 2022 में बाढ़ व आपदा से पीड़ित किसानों को आर्थिक मुआवजा देने का मामला सदन में उठा। इसका जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि जिले के 963 गांवों में बाढ़ के कारण किसानों की फसल में खराबे का सर्वे करवाया गया। इसमें प्रभावित 33 प्रतिशत या उससे कुल 1 लाख 63 हजार 355 काश्तगार प्रभावित हुए। जिले के किसानों की नष्ट हुई फसलों का मुआवजा एनडीआरएफ के नॉर्म्स के आधार पर दिया गया। करीब 71 हजार 392 किसानों को 50.74 करोड़ का कृषि अनुदान दिया गया। 91 हजार 663 किसानों द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। जिस कारण इन किसानों का भुगतान लंबित है।
दरअसल कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कोटा जिले में बाढ़ व आपदा से नष्ट फसलों के मुआवजे और बाढ़ से टूटे हुए मकानों से नुकसान के मुआवजे का मामला सदन में उठाया। विधायक ने कहा कि सरकार गरीब किसानों का शोषण कर रही है। आपदा से हुए नुकसान को किसान आज भी भुगत रहा है। गरीब किसान कर्ज में डूबता जा रहा है। बाढ़ आपदा से जिले में 5000 करोड़ का नुकसान हुआ था। लेकिन अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा खराबे के सर्वे में लापरवाही की गई। कागजों में खानापूर्ति की कमी के कारण कई किसान मुआवजे से वंचित है।
विधायक ने मांग की कि किसानों की फसल के नुकसान व टूटे कच्चे-पक्के मकानों का धरातल पर नुकसान का सर्वे करवाया जाए। कागजों के आधार पर इनका मुआवजे से वंचित नहीं रखा जाए। गरीब किसानों की खराब फसल की अनुदान राशि का भुगतान शीघ्र कराया जाए। इस पर मंत्री ने विधायक को आश्वस्त किया कि जल्द ही वंचित किसानों की नष्ट हुई फसलों का उचित मुआवजा दिलाया जाएगा।