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संवाददाता- राजेन्द्र प्रसाद,
पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश चंद मीना ने कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र में जंगल सफारी का उद्घाटन किया। उन्होंने जिप्सी को हरी झंडी दिखाकर जंगल सफारी की शुरुआत की। इसके बाद मंत्री रमेश चंद मीना एवं जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने जंगल सफारी का लुत्फ भी उठाया। इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
बता दें कि जंगल सफारी शुरू होने के बाद करौली जिले को पर्यटन के क्षेत्र में खास पहचान मिलेगी। इस अवसर पर मंत्री मीणा ने कहा कि करौली जिले को लम्बे समय से कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य में सफारी शुरू होने का इंतजार था। जो 1 अक्टूबर शनिवार को पूरा हो गया है। जंगल सफारी को लेकर लोगों में काफी खुशी है। इसके बाद अभयारण्य क्षेत्र में देश-विदेश से सैलानियों के आने एवं अभयारण्य क्षेत्र के विकास से क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, वहीं करौली जिले के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तो ज़ाहिर तौर पर स्थानीय छोटे व्यवसायियों को सीधा फायदा भी होगा। साथ ही लोगों को सीधे प्रकृति से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि अभयारण्य क्षेत्र में बसे लोगो को अच्छे स्थान पर विस्थापित किया जाना चाहिए। आज की महंगाई को देखते हुए, मंत्री मीणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री आशोक गहलोत से मांग की है कि अभयारण्य क्षेत्र के विस्थापित परिवारों को कम से कम 25 लाख रुपए की मुआवजा राशि मिलनी चाहिए। जिससे लोग ठीक से अपना जीवनयापन कर सकें।
तीन रूटों पर जंगल सफारी की शुरुआत की गई -
खान की चौकी से खोड़ा का नाला- इस क्षेत्र में पर्यटकों को काफी अच्छे और सुंदर प्राकृतिक नज़ारों के साथ ही लुप्त प्रजाति के वन्यजीव देखने को मिलेंगे। खासकर यहां भालू दिखने की संभावना है।
रामपुरा से कूरतकी ग्वाडी- यहां पर्यटकों को टाइगर देखने को मिलेगा। वर्तमान में टाइगर मूवमेंट यहां देखा गया है एवं तीन से चार टाइगर इस क्षेत्र में घूम रहे हैं।
आशाकी से महेश्वरा धाम- इस क्षेत्र में भी हमेशा भेड़िये का मूवमेंट रहता है। पर्यटकों को चिंकारा, चीतल एवं अन्य वन्य जीव भी दिखेंगे। बरसाती मौसम में महेश्वरा धाम का खूबसूरत झरना भी यहां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हुआ दिखाई देगा।
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