दो सड़क मार्गों के पायलट प्रोजेक्ट के सार्थक परिणाम, अब आठ स्टेट हाईवे पर भी जल्द फास्टैग
जयपुर: नेशनल हाईवे के टोल प्लाजों पर लगने वाली लंबी लाइनों को खत्म करने के लिए इलेक्ट्रोनिक टोल संग्रहण सिस्टम के सार्थक परिणाम सामने आने के बाद अब राज्य के सभी स्टेट हाईवे पर भी इसे लागू करने की तैयारी है। दो सड़क मार्गों जयपुर-भीलवाड़ा और सीकर-झुंझुनूं-लुहारू मार्ग के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब आठ और नए राज्य के सड़क मार्गों के 20 टोल नाकों पर फास्टैग लागू किया जा रहा है। इसकी निविदाएं प्रक्रियाधीन है। यह सिस्टम लागू करने पर प्रति टोल करीब 60 लाख रुपए का खर्च आ रहा है। पीडब्ल्यूडी मंत्री एवं अध्यक्ष आरएसआरडीसी भजनलाल जाटव ने सोमवार को आरएसआरडीसी में कार्यक्रम के दौरान कहा कि इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण प्रणाली के स्थापित होने पर यात्रा में लगने वाले समय एवं धन दोनों का अपव्यय रोका जा सकेगा।
मंत्री ने दी ये सौगातें: जाटव ने आरएसआरडीसी मुख्यालय जयपुर में 100 केवी का सोलर प्लांट लगभग 50 लाख रुपए की लागत से स्थापित किया गया है। इस सोलर प्लांट में अत्याधुनिक तकनीकी के 545 वॉट, मोनो क्रिस्टलीन के 184 पेनल लगाए गए है। ये प्लांट लगने से सालाना बिजली खर्च 12 लाख होगा, जो वर्तमान में 20.59 लाख है। इसके साथ ही फास्टैग कमाण्ड सेंटर, विभिन्न निर्माण कार्यों का प्रचार प्रसार के लिए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड तथा निर्माण सामग्री की गुणवत्ता जांच के लिए एनएबीएल अनुमोदित गुण नियंत्रण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। इस दौरान विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।