राजस्थान

एमबीएम यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट ने की रिसर्च

Admin Delhi 1
13 March 2023 1:19 PM GMT
एमबीएम यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट ने की रिसर्च
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जोधपुर न्यूज: पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए जोधपुर की एमबीएम यूनिवर्सिटी (मैग्नीराम बांगर मेमोरियल इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी) ने एक नया इनोवेशन किया है। यह इनोवेशन न सिर्फ पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि इससे हानिकारक रेडिएशन पर भी रोक लगेगी।

दरअसल एमबीएम यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्चर विभाग ने एक ऐसी ईंट तैयार की है जो गर्मी में भी कमरे में ठंडक का एहसास देगी. इतना ही नहीं यह ईंट रेडिएशन के हानिकारक प्रभावों को भी कम करेगी।

यह ईंट गाय के गोबर और चूने से बनाई जाती है। जो आम ईंट से सस्ता भी होगा। इसे वेस्ट प्रोडक्ट से बनाया जाता है। आमतौर पर लोग गाय के गोबर को कचरा समझ लेते हैं, लेकिन यही कचरा अब घरों के लिए सबसे बेहतर होने वाला है. आने वाले समय में ग्रीन सिटी के तहत इसका चलन बढ़ने वाला है।

आमतौर पर मिट्टी की ईंट की कीमत 5 से 6 रुपए तक होती है। यह मिट्टी का बना होता है। इसके लिए खेती के लिए उपयोगी मानी जाने वाली मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद इसे भट्टी में पकाया जाता है। उस दौरान इसे कोयले के धुएं में पकाया जाता है। जो पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है।

इससे प्रदूषण भी हो रहा है। वजन में भारी होने के साथ-साथ यह ईंट आग भी पकड़ती है। इसके अलावा इसे बनाने का तरीका प्रदूषण को बढ़ावा देता है। जबकि यह ग्रीन बिल्डिंग मटेरियल भी नहीं है। इससे कृषि को भी नुकसान होता है, लेकिन गोबर से बनी ईंट भी इको फ्रेंडली रहेगी।

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