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अजमेर। उत्तराखंड में डॉक्टर की फर्जी डिग्रियां तैयार करने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने किशनगढ़ से गिरफ्तार किया है। आरोपी पर 25 हजार रुपए का इनाम भी पुलिस की ओर से घोषित किया गया था। वहीं आरोपी बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज का चेयरमैन है और दसवीं पास है। उत्तराखंड एसटीएफ के एएसपी चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में प्रैक्टिस कर रहे बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के गिरोह का भंडाफोड़ किया था। जिसकी जांच में यह सामने आया कि इस गिरोह का मास्टर माइण्ड इमलाख है। इस पर देहरादून पुलिस उसकी गिरप्तारी पर 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल के निर्देशन में एसटीएफ ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों के फर्जीवाड़ा में 36 डॉक्टरों को चिन्हित किया। इन चिकित्सकों की फर्जी डिग्रियां राजीव गांधी हेल्थ एंड साईंस यूर्निवसिटी कर्नाटका के नाम से बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफफरनगर के मालिक इमरान और इमलाख ने तैयार की। इस पर देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा एसटीएफ की ओर से दर्ज कराया गया था। जिसकी जांच देहरादून एसआईटी द्वारा की जा रही है। एसटीएफ ने शुरूआत में दो फर्जी चिकित्सकों प्रीतम सिंह एवं मनीष अली को गिरप्तार किया गया था। एएसपी चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि पूर्व में एसटीएफ की टीम ने बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर में दबिश देकर इमरान पुत्र इलियास निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर को कॉलेज से ही गिरप्तार किया गया था। पुलिस ने उसके कब्जे से एसटीएफ को कई राज्यों की यूनिवर्सिटी की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां, फर्जी मुद्राएं, फर्जी पेपर एवं कई अन्य कूट रचित दस्तावेज बरामद हुए। जांच के दौरान ही इस गिरोह के मास्टरमाइंड एवं मुख्य अभियुक्त इम्लाख का नाम पता प्रकाश में आया। आरोपी जोगी बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज का मालिक है।
एएसपी चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि इमलाख मुजफ्फरनगर कोतवाली थाने का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। इसके द्वारा अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के नाम से मेडिकल डिग्री कॉलेज भी खोला हुआ है जो कि बीफार्मा,बीए, बीएससी, आदि के कोर्स संचालित करता है। उसके खिलाफ फर्जी डिग्री दिलवाने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, इसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है। मुकदमा दर्ज होने के तुरंत बाद मुख्य अभियुक्त इम्लाख अपना मोबाइल बंद कर मुजफ्फरनगर से फरार हो जाता था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि 1 फरवरी को एसटीएफ टीम को सूचना प्राप्त हुई की इम्लाख अजमेर में छुप कर रह रहा है एसएसपी एसटीएफ के निर्देश पर एक टीम देहरादून से जयपुर के लिए रवाना हुई। एसटीएफ टीम ने मुखबिर की सूचना एवं टेक्निकल स्पोर्ट से अभियुक्त इम्लाख को किशनगढ़ से गिरफ्तार कर देहरादून ले जाया गया । ईनामी अपराधी इम्लाख के कब्जे से बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुज्जफर नगर से कई यूनिवर्सिटी की जाली दस्तावेज/फर्जी डिग्री, जाली मोहर सहित अन्य कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
आरोपी को पकड़ने वाली टीम में एसटीएफ के निरीक्षक अबुल कलाम, उप निरीक्षक यादवेंद्र बाजवा, उपनिरीक्षक दिलबर सिंह नेगी, हेड कांस्टेबल संजय कुमार, हेड कांस्टेबल संदेश यादव, कांस्टेबल महेंद्र नेगी, कॉन्स्टेबल मोहन अस्वाल, पुलिस से उपनिरीक्षक सुनील नेगी, उपनिरीक्षकअमित ममगाईं कर विशेष योगदान रहा।
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