उदयपुर: उदयपुर का मानसी वाकल बांध लबालब हो गया है। कैचमेंट क्षेत्र में हुई अच्छी बारिश के बाद 581.2 मीटर क्षमता वाले बांध का जलस्तर 581 मीटर पहुंच गया है। जल संसाधन विभाग ने गुरुवार रात दस बजे बांध का एक गेट दो इंच खोल कर पानी की निकासी शुरू की। यह पानी सीधे गुजरात के साबरमती नदी में जा रहा है। उदयपुर के मानसी वाकल बांध के लबालब होने के बाद खोला एक गेट। जल संसाधन विभाग के उदयपुर कंट्रोल रूम प्रभारी सहायक अभियंता कमल पुरोहित ने बताया की मानसी वाकल बांध के कैचमेंट एरिया में अगरबारिश होती है तो ऐसी स्थिति में बांध के तीनों गेट खोल सकते है। सहायक अभियंता ललित जोशी ने बताया की विभाग ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है। उदयपुर शहर में सुबह से बादल छाए हुए हैं। कुछ समय के लिए धूप निकली लेकिन दोपहर में फिर बादल घिर आए। झील किनारे मौसम सुहाना होने से लोगों की आवाजाही लगी रही।
फतहसागर पर वेटलैंड और सज्जनगढ़ सेंचुरी में लागू होंगे ईएसजेड के प्रतिबंध
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की भोपाल बेंच ने उदयपुर की फतहसागर झील और सज्जनगढ़ सेंचुरी के संरक्षण से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया। फैसले के अनुसार अब फतहसागर झील पर वेटलैंड और सज्जनगढ़ सेंचुरी में ईको सेंसेटिव जोन (ईएसजेड) के प्रतिबंध लागू होंगे। एनजीटी ने कहा कि झील और सेंचुरी के इर्द-गिर्द ध्वनि प्रदूषण, प्रकाश (लाइट) की तीव्रता पर रोक लगाई जाएगी, जिससे जलीय जीवों और वन्य जीवों के जीवन चक्र पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को रोका जा सके।
एनजीटी ने राजस्थान के प्रमुख सचिव, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव और सभी सहायक अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे इसके लिए अधिसूचना जारी करें। प्राधिकरण ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, राजस्थान राज्य वेटलैंड प्राधिकरण, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जिला कलेक्टर उदयपुर, नगर निगम आयुक्त उदयपुर को आगामी 15 नवंबर तक सेंट्रल जोन भोपाल बेंच में पालना रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।