राजस्थान

मनुष्य का जीवन परोपकार के प्रति समर्पित हो: सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज

Gulabi Jagat
24 April 2024 4:39 PM GMT
मनुष्य का जीवन परोपकार के प्रति समर्पित हो: सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज
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भीलवाडा। निरंकार प्रभु ने हमें यह जो मानव जीवन दिया है इसका प्रत्येक पल मानवता के प्रति समर्पित हो सकेय परोपकार का ऐसा सुंदर भाव जब हमारे हृदय में उत्पन्न हो जाता है तब वास्तविक रूप में समूची मानवता हमें अपनी प्रतीत होने लगती है। फिर सबके भले की कामना ही हमारे जीवन का लक्ष्य बन जाता है।“ उक्त उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने ’‘मानव एकता दिवस’’ के अवसर पर समस्त देश भर के समस्त श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। मानव एकता दिवस का पावन अवसर बाबा गुरबचन सिंह जी की मानवता के प्रति की गयी उनकी सच्ची सेवाओ को समर्पित है जिससे निरंकारी जगत का प्रत्येक भक्त प्रेरणा लेकर अपने जीवन का कल्याण कर रहा है। संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा आज संपूर्ण भारतवर्ष के भीलवाड़ा सहित लगभग 207 स्थानों पर विशाल रूप में रक्तदान शिविर की श्रंखलाओं का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 50,000 युनिट रक्त संग्रहित किया गया। आयोजित रक्तदान शिविरों में रक्तदान से पूर्व की जाने वाली जाँच एवं स्वच्छता की ओर विशेष रूप से ध्यान दिया गया।
इसके साथ ही रक्तदाताओं हेतु उत्तम रूप में जलपान की भी समुचित व्यवस्था की गई। रक्तदान, मानव जीवन को बचाने हेतु की जाने वाली एक ऐसी सर्वोपरि सेवा है जिसमें परोपकार की निःस्वार्थ भावना निहित है। बुधवार को आरजिया चैराहा स्थित निरंकारी सत्संग भवन पर निरंकारी श्रद्धालुओं ने ’धन निरंकार उद्घोष के’ साथ 130 यूनिट मानव मात्र सेवार्थ हेतु चैरिटेबल फाउंडेशन, सेवादल के भाई- बहन एवं संगत के श्रद्धालु ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। स्थानीय जोनल इंचार्ज संत जगपाल सिंह ने बताया कि समाजसेवी रविंद्र जाजू, लादूलाल बांगड़, धन-धान सिंह, मंजू पोखरना, कांतिभाई जैन, अनिल काबरा ने रक्तदाताओं का उत्साह वर्धन किया। मीडिया सहयोगी लादूलाल ने बताया कि मिशन ने अब तक करीब 13 लाख 13 हजार यूनिट मानव मात्र सेवा हेतु डोनेट किया जा चुका है। रक्त संग्रहित करने हेतु महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा पूरी तरह जांच करके रक्त संग्रहित किया गया आयोजन को सफल बनाने में सेवादल अधिकारी एवं सेवादल की भाई -बहनों का विशेष योगदान रहा।
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