राजस्थान
ममता कार्ड पर लगेगी अलग से एचआरपी की मोहर - संस्थागत प्रसव और सुरक्षित कराने पर जोर
Tara Tandi
9 Jun 2023 11:07 AM GMT
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हाई रिस्क प्रिग्नेंसी (एचआरपी) के दौरान संस्थागत प्रसव को पूर्ण सुरक्षित बनाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एक और नवाचार करने जा रहा है। इससे न केवल हाई रिस्क प्रिग्नेंसी की पहचान सही तरीके से समय पर हो सकेगी, बल्कि जच्चा-बच्चा दोनों का जीवन भी सुरक्षित हो सकेगा। इस संबंध में गुरूवार को आयोजित वीसी में मिशन निदेशक एनएचएम डा.ॅ जितेन्द्र कुमार सोनी ने स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए हैं।
डॉ. सोनी ने बताया कि प्रत्येक गर्भवती महिला को सभी एएनसी जांचें कराना जरूरी होता है। उन्हें ममता कार्ड भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बनाकर निःशुल्क दिया जाता है। इस कार्ड में उनकी जांच और टीकाकरण का पूर्ण ब्यौरा होता है। इस कार्ड को संभाल कर रखें। अब इस कार्ड पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान महिला एचआरपी की सील लगाई जाएगी। यह सील अनिवार्य रूप से ममता कार्ड पर लगानी होगी। यदि महिला को एचआरपी है तो हां पर टिक किया जाएगा और तारीख भी डाली जाएगी। इससे यह भी पता चल सकेगा कि महिला ने पीएमएसएमए के दौरान कितनी बार जांचें कराई हैं। सील के एचआरपी स्पष्ट होने पर महिला के प्रसव के दौरान अधिक ध्यान दिया जाएगा और सुरक्षित प्रसव कराया जाएगा।
डॉ. सोनी ने बताया कि एचआरपी की पहचान के दौरान सभी संकेतकों को पूरा करते हुए सुरक्षित प्रसव पर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने पीएमएसएमए और प्रसूति नियोजन दिवस पर सभी संकेतकों का पालन करते हुए जांच, उपचार, मॉनिटरिंग और भारत सरकार के पोर्टल पर एंट्री के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12 जिले इस दृष्टि से पिछडे हुए हैं। इसलिए निजी चिकित्सकों को वॉलिएंटर्स के रूप में जोडा जाए। उन्होंने प्रत्येक जिले को सौ-सौ निजी चिकित्सकों को वॉलिएंटर्स के रूप में जोडने का लक्ष्य सभी सीएमएचओ को दिया। इस अवसर पर जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ .एसआर मीणा, डीपीएम गौरव गुप्ता, यूपीएम पूजा सैनी, डीएनओ जेपी शर्मा मौजूद थे।
कैसे पहचानें हाई रिस्क प्रिग्नेंसी
हाई रिस्क प्रिग्नेंसी की पहचान के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ संकेतक तय किए गए हैं। इनके अनुसार यदि किसी महिला में सीवीयर एनिमिया, प्रिग्नेंसी इंडक्ट हाईपरटेंशन, गेस्टेशनल डायबिटिक मेलिटस, रिएक्टिव फॉर एचआईवी, सिफलिस, हाईपोथैरोडिज्म, ट्यूबरकुलोसिस, मलेरिया और प्रीवीयस एलएससीएस हो तो उसे हाई रिस्क प्रिग्नेंसी की श्रेणी में रखा जाता है। सील लगने के बाद एचआरपी की पहचान और पुष्ट हो जाएगी।
Tara Tandi
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