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दौसा मकर संक्रांति के पर्व पर दान-पुण्य के साथ-साथ गजक की मिठाई को शगुन के तौर पर भेजने का चलन भी बढ़ गया है. ऐसे में गिफ्ट के लिए तिल और गुड़ से बनी गजक को ज्यादा पसंद किया जा रहा है. इस त्योहार पर करीब एक करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। दौसा की गजग सऊदी अरब, अमेरिका और रूस में भी खासी पसंद की जा रही है। त्योहारी सीजन के चलते गुड़ की मांग भी बढ़ गई है। बदलते मौसम के साथ ही मकर संक्रांति पर दौसा में गजक ज्यादा पसंद की जा रही है और शहरवासी जमकर इसकी खरीदारी कर रहे हैं.
दौसा की गजक को लोग अपने रिश्तेदारों और परिचितों को तोहफे के तौर पर भेजना पसंद कर रहे हैं। तिल-गुड़ और सूखे मेवों के मिश्रण से बनी गजक इस मौसम में सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है. दौसा की गजक का क्रेज देश ही नहीं विदेशों में भी है। रामावतार साहू ने बताया कि दौसा की गजक की डिमांड सऊदी अरब और अमेरिका और रूस तक में है। तिल के भाव में बढ़ोतरी गजक के थोक व्यापारी रामावतार साहू ने बताया कि इस बार प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण तिल का उत्पादन प्रभावित हुआ है. अतिवृष्टि के कारण राज्य में तिल की फसल नष्ट हो गई है या काली हो गई है। ऐसे में हमें बाहर से मंगवाना पड़ रहा है। रामावतार साहू ने बताया कि पिछली बार जहां तिल का भाव 130 रुपये प्रति किलो था, वहीं इस बार भाव 150 से 200 रुपये तक पहुंच गया है.
गुड़ की खपत बढ़ी खाद्य संघ के अध्यक्ष कैलाशचंद गुप्ता ने बताया कि सर्दी के मौसम में गुड़ की मांग बढ़ जाती है, लेकिन मकर संक्रांति का त्योहार होने के कारण इस बार जिले में गुड़ की खपत बढ़ गई है. जिले में पहले जहां 5 से 8 वाहनों की डिमांड होती थी, अब बढ़कर 15 हो गई है। एक वाहन में करीब 18 टन माल आ जाता है। ऐसे में जिले की 50 थोक दुकानों पर करीब 15 वाहनों में प्रतिदिन 270 टन माल की खपत हो रही है.
HARRY
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