राजस्थान

शहीद की बेटियों की शादी में शामिल हुए सेना के बड़े-बड़े अफसर, कन्‍यादान के तौर पर दी धनराशि

Gulabi
18 March 2021 5:45 AM GMT
शहीद की बेटियों की शादी में शामिल हुए सेना के बड़े-बड़े अफसर, कन्‍यादान के तौर पर दी धनराशि
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भारतीय सेना

भारतीय सेना को दुनिया की सबसे प्रोफेशनल सेनाओं में गिना जाता है. इसके सैनिक भी दुनिया में सर्वश्रेष्‍ठ करार दिए जाते हैं. न केवल प्रोफेशनल फ्रंट पर बल्कि व्‍यक्तिगत स्‍तर पर भी हर सैनिक अपने आप में एक मिसाल है.

अपने किसी भी साथी को पीछे न छोड़ने में यकीन रखने वाले भारतीय सैनिक शहीद होने के बाद भी हर सैनिक के परिवार का ध्‍यान रखते हैं. राजस्‍थान के तिबारिया गांव के शहीद हवलदार सनवरमल (भामू की बेटियों की शादी में 20 जाट रेजीमेंट के जवानों ने शामिल होकर जिस अपनेपन का प्रदर्शन किया, उसकी तारीफ हर कोई कर रहा है.
CO ने भेजे स्‍पेशल गार्ड

जाट बलवान जय भगवान, इस कहावत के लिए मशहूर जाट रेजीमेंट के साथ तैनात हवलदार सनवरमल भामू साल 2017 में तंगधार में शहीद हो गए थे. पिछले दिनों उनकी दो बेटियों की शादी तिबरिया गांव में हुई. इस शादी के लिए स्‍टेशन मास्‍टर (एसएम) और कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) को भी इनवाइट भेजा गया था.

शादी का इनविटेशन मिलने के बाद प्‍लाटून कमांडर और प्‍लाटून हवलदार और स्‍पेशल गार्ड के जवानों को भेजा गया. इन जवानों को आदेश दिए गए थे कि हर कार्यक्रम में उन्‍हें मौजूद रहना है.

बेटियों के आने से लेकर उनकी विदाई तक जवान पूरे कार्यक्रम में मौजूद थे. शादियों में जवान उसी तरह से मौजूद थे जैसे किसी सैनिक सम्‍मेलन में सीओ के साथ रहते हैं.


कन्‍यादान के तौर पर दी धनराशि
शहीद सनवरमल भामू 12 अप्रैल 2017 को जम्‍मू कश्‍मीर के तंगधार में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. तिबारिया गांव में कई युवा इस समय सेना में कई पदों पर तैनात हैं. हवलदार भामू 9000 फीट से ज्‍यादा की ऊंचाई वाली जगह पर तैनात थे.

हवलदार भामू की बेटियों की शादी में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और बाकी रैंक्‍स के 9 और जवान मौजूद थे. बटालियन के चार सैनिक स्‍पेशल गार्ड के तौर पर दुल्‍हन बनी बेटियों के साथ हर पल मौजूद रहे.

इन जवानों ने शादी की हर रस्‍म में अपनी पूरी हिस्‍सेदारी सुनिश्चित की. सूत्रों के मुताबिक शादी में शामिल होने के अलावा एक धनराशि भी कन्‍यादान के तौर पर बेटियों को रेजीमेंट की तरफ से दी गई.



तंगधार में LoC पर शहीद हुए हवलदार

किसी भी जवान के लिए बटालियन हो या पलटन घर से कम नहीं होती है. हवलदार सनवरमल भामू की बेटियों की शादी ने इसे एक बार फिर से सच साबित कर दिया है. युद्ध के मैदान में अपने साथियों का साथ न छोड़ने वाले जवान शहादत के बाद भी उनके परिवार का ध्‍यान रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.
शहीद हवलदार की बेटियों को शादी में अपने पिता की कमी तो महसूस हुई लेकिन उनकी रेजीमेंट के बाकी जवानों ने उनके इस गम को हल्‍का करने में सफलता हासिल की. हवलदार भामू के साथियों ने उनसे जो वादा किया था, उसे निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.


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