राजस्थान

बारमेर में चौहटन की पहाड़ी पर विराजमान हैं महादेव

Shreya
17 July 2023 8:59 AM GMT
बारमेर में चौहटन की पहाड़ी पर विराजमान हैं महादेव
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बाड़मेर: बाड़मेर लाखाराम जाखड़/डूंगर राठी बाड़मेर चौहटन पहाड़ी पर 918 साल पुराना कपालेश्वर महादेव मंदिर है। इस मंदिर का महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अलग है। इस मंदिर में बने अमृत कुंड और पवित्र झरने का जल लोग रोगों के निदान और शुभ कार्यों से पहले भूमि पूजन के लिए भी ले जाते हैं। सावन के हर सोमवार और महाशिवरात्रि पर यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है। सोमवती अमावस्या और सावन सोमवार के चलते मेला लगेगा।तलहटी से करीब 1500 फीट की ऊंचाई पर बने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 601 सीढ़ियां हैं। कपालेश्वर महादेव मंदिर के अंदर लिखे शिलालेख के अनुसार 1105 ई. मंदिर का निर्माण भुज गुजरात के भामाशाह ने करवाया था। इसके बाद 1105 ई. में सेठ ने मंदिर का निर्माण करवाया।

1935 में चौहान के भीमराज जोशी, पोकर खत्री और तत्कालीन SHO शायर श्रीमाली ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था और डूंगरपुरी जी मठ के माध्यम से सीढ़ियों का निर्माण करवाया था। इस मंदिर के सामने पहाड़ी पर डूंगरपुरी महाराज की समाधि भी है। मंदिर की सुंदरता पहाड़ पर स्थित इंद्रभान तालाब से और भी बढ़ जाती है। कपालेश्वर महादेव मंदिर चौहटन पहाड़ी पर स्थित है।

वेद लक्षणा गाय माता समस्त विश्व की मां है

बाड़मेर | गोऋषि स्वामी दतशरणानंद महाराज के विभूति में वर्तमान में पूरे विश्व के लिए मानो साक्षात गौमाता के सरंक्षण के रूप में गोपाल आये हैं। पहली बार दर्शन करके जो महाराज के हृदय में गौमाता के प्रति करुणा एवं उदारता देखी तो ऐसा प्रतीत हुआ कि यह करुणा उदारता केवल और केवल ठाकुरजी की ही है। उक्त उद्गार धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम महाराज ने श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के दर्शन के पश्चात उपस्थित गो भक्तों के मध्य व्यक्त किए।

श्री गोधाम पथमेड़ा के केंद्रीय सचिव व श्री पथमेड़ा गोचिकित्सालय बाड़मेर के अध्यक्ष आलोक सिंघल ने बताया कि शास्त्री ने इस अवसर पर गोमाता की महत्ता पर चर्चा करते हुए कहा कि वेदलक्षणा गाय माता समस्त विश्व की मां हैं। जब भी गोमाता का बछड़ा अथवा बछड़ी कोई भी जन्म ले व जन्म के कुछ क्षण बाद मां ही पुकारते हैं इसलिए गाय हमारी मां है। यह जानकारी पथमेड़ा गोचिकित्सालय बाड़मेर के मीडिया प्रभारी राजूराम बेनीवाल ने दी।

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