आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस मशीन एक साथ 100 एक्स-रे कर सकेगी
कोटा न्यूज: केटा के चिराग अग्रवाल ने एक छोटी एक्स-रे मशीन बनाई है। इससे टीबी प्रभावित मरीजों की रिपोर्ट 10 सेकेंड में मिल सकेगी। खर्चा भी बड़ी चीज है। इसके साथ ही यह मशीन एक साथ 100 मरीजों का डाटा एनालिसिस भी कर सकती है। यह भी पता चलेगा कि किसी मरीज में टीबी कितनी घातक है।
दावा किया जाता है कि यह भारत की पहली पोर्टेबल एक्स-रे मशीन है। इसे कहीं भी-कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। चिराग ने बताया कि आईसीएमआर के साथ पार्टनरशिप में इस प्रोजेक्ट पर आईआईटी कानपुर के प्रो. अमिताभ बंधु उपाध्याय के निर्देशन में काम कर रहे हैं।
एनआईटी भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के सत्येंद्र चौधरी, आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल के अनीश कैल और आईआईटी धनबाद की पेट्रोलियम शाखा के संदेश धाकड़ भी साथ काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट को हमारी अपनी कंपनी लेनैक टेक्नोलॉजी के साथ रजिस्टर्ड किया गया है। इसकी कीमत करीब 2 लाख रुपए होगी। हालांकि अभी मरीजों के खर्च का आंकलन नहीं किया गया है।
यह मशीन एक बार चार्ज करने पर 100 एक्स-रे कर सकेगी
डॉ. विनीद जांगिड़ एसोसिएट प्रोफेसर, चेस्ट फिजिशियन, मेडिकल कॉलेज दुनिया का हर चौथा टीबी मरीज भारत में है। भारत में 24 लाख से ज्यादा मरीज हैं। हर महीने करीब 2 लाख मरीज मिल रहे हैं। गांवों में जांच की सुविधा नहीं होने के कारण समय पर इलाज नहीं हो पाता है। हालांकि, इससे मृत्यु दर पर काफी हद तक काबू पाया जा सका है।