लंपी वायरस से अभी पशुओं का निजात मिलती नजर नहीं आ रही हैं, सरकारी आंकड़े भले ही इस बीमारी में कुछ कमी दिखा रहे हैं , लेकिन जमीनी हालत बेहद भयावह है। कई जिलो में लंपी अपना कहर बरपाने के बाद अब अलवर मे एंट्री कर गया है। यहां के अलावड़ा सहित चौमा,तिलवाड़ इंदपुर,मालपुर,बरवाड़ा,हसनपुर, नंगली,मानकी,गुर्जर पुर अन्य गांव के पशुओं में लंपी रोग फैल रहा है, इनमें से अधिकतर गायें हैं।
गायों की दर्दनाक हालत से परेशान पशुपालक, इलाज से भटक रहे इधर-उधर
दुधारू पशुओं के इस गंभीर बीमारी से ग्रसित होने से पशुपालक बेहद चिंता में हैं। वे अपने पशुओं की इस दर्दनाक हालत को देख बी नहीं पा रहे हैं। पशुओं के इलाज के लिए वे इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन पशुओं को इस बीमारी से निजात नहीं मिल रही है। पशुपालकों का कहना है कि उनकी गायों के शरीर में चकते बनकर फूट रहे हैं। उनसे खून और मवाद बाहर आ रहा है। पशु इस दर्द से कराह रहे हैं।जिसेस पशुपालक बेहद परेशान हैं।
पशुओं की कम हुई खुराक, दुधारू पशु ज्यादा प्रभावित
परेशान पशुपालकों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। पशुपालक कैलाश सैनी ने बताया कि ज्यादातर गायें इस रोग की चपेट में आई हुई हैं। पिछले 1 महीने के अंदर यह ज्यादा फैला है। इनका कहना है कि इसकी चपेट में देसी व अमेरिकन नस्ल की गायें गांव में ज्यादा हैं। उनका कहना है कि गायों के शरीर पर चकते पड़कर ये फुंसी का रूप ले रहे हैं। बड़े फफोले भी बन रहे हैं। ये फूट कर जख्म बन रहे हैं। पशुपालकों का कहना है कि इससे पशुओं की खुराक कम हो गई हैं।
कमजोरी तेजी से गायों को चपेट में ले रही है। उनका कहना है कि दुधारू गायें ज्यादा इस रोग की चपेट में हैं। बीमारी के साथ गायों को तेज बुखार भी हो रहा है।गायों में फैले इस रोग के लक्षण लंपी वायरस रोग के बताए जाते हैं। पीड़ित पशु पालकों द्वारा पशु पालन विभाग से इस रोग से बचाव के लिए टीकाकरण अथवा अन्य उपचार शुरू किए जाने की मांग की गई है।