राजस्थान

चार करोड़ का नुकसान, मेला पानी-पानी

Admin4
10 Oct 2022 11:23 AM GMT
चार करोड़ का नुकसान, मेला पानी-पानी
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कोटा। पिछले दो दिन से हो रही लगातार बरसात ने मेले की रौनक तो फीकी कर ही दी। साथ ही आर्थिक नुकसान भी काफी हुआ है। बरसात के कारण मेले में लोगों के नहीं पहुंचने से अधिकतर दुकानदार खाली बैठे रहे। मेले में रोजाना करीब एक लाख से अधिक लोगों का अनुमान रहता है। जिससे सभी क्षेत्र के बाजारों से करीब दो से तीन करोड़ रुपए रोजाना का कारोबार होने का अनुमान रहता है। लेकिन शुक्रवार व शनिवार को दो दिन में हुई बरसात से एक चौथाई लोग भी मेले में नहीं पहुंच सके। जिससे व्यापारियों की कमाई ही नहीं हुई। व्यापारियों के अनुसार दो दिन में करीब 4 करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान का अनुमान है।

तैयारी धरी रह गई

शनिवार व रविवार को अवकाश होने से इन दो दिन में ही सबसे अधिक भीड़ उमड़ती है। लेकिन शनिवार को तो मेला शुरू होने से पहले ही शाम 4 बजे से 7 बजे तक बरसात हुई। वह भी मूसलाधार। जिससे मेला शुरू ही नहीं हो सका। दुकानदार तैयारी ही कर रहे थे। झूले वाले तैयार हो रहे थे। मेले में लाइटें भी नहीं जली थी कि बरसात के कारण लोग ही नहीं पहुंच सके। हालांकि बरसात थमने के बाद लोग मेला घूमने गए लेकिन उनकी संख्या बहुत कम रही। परिवार के साथ तो लोग जाने में डरने लगे कि मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार कभी भी बरसात हो सकती है। जिससे मेले में जाना बेकार हो जाएगा।

दो साल बाद जगी उम्मीद पर फिरा पानी

कोरोना काल के दो साल बाद कोटा में राष्ट्रीय दशहरा मेला लगने की सूचना से ही स्थानीय के साथ ही देशभर के व्यापारियों में जो खुशी व जोश भर गया था। वह मेला शुरू होने के साथ ही दशहरा मैदान में दिखाई भी दिया। लेकिन दो साल तक जहां कोरोना काल ने व्यापारियों को रूलाया वहीं अब बरसात रूला रही है। हालत यह है कि दो दिन से लगातार हो रही बरसात ने मेले में पानी फेर दिया। मेला परिसर में बरसात से पानी ही पानी हो गया। बरसात के कारण मेले में लोगों की संख्या कम हो गई। जिससे व्यापारियों व दुकानदारों की कमाई मारी गई।

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